रेल किराये में बढ़ोत्तरी का आधार सफ़ेद-झूठ का पुलिंदा - बृद्धि का विरोध
लखनऊ: शुक्रवार को रेल सेवक संघ और लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उ. प्र.) तथा दो बार लखनऊ कैंट विधान सभा से चुनाव लड़ चुके एस एन श्रीवास्तव ने भारत सरकार द्वारा किराया बढ़ाने की निंदा करते हुए रेल किराये में बढ़ोत्तरी के आधार को "झूठ का पुलिंदा" बताया है तथा किराये में बृद्धि का विरोध करते हुए कहा है कि, इसका हर स्तर पर विरोध आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि, "रेल किराये में बृद्धि का आधार- सफ़ेद झूठ का पुलिंदा है। भारतीय रेलवे में वर्ष 1984 से रिटायरमेंट और मृत्यु से हुए रिक्त पदों पर भर्ती लगभग बंद है तथा रेल की वर्तमान अधोसंरचना के अनुपात में लगभग 20 लाख रेलवे कर्मचारी कम हैं। आधुनिकीकरण के नाम पर रेल को बेचा जा रहा है। रेल में बढ़ रहे ठेकेदारी और निजीकरण से रेल का विनाश हो रहा है। जिस भारतीय रेल में विकाश और आधुनिकीकरण के नाम पर 06 हज़ार से अधिक ट्रेनें प्रतिदिन अपने गंतव्य से कैंसिल की जाती हो और दुर्घटना बढ़ रही हो, देश के इस सबसे बड़े उद्योग में आजादी के 72 वर्ष में भी वेतन बोर्ड गठित न कर प्रदेशो के विजली विभाग से भी कम वेतन देकर कर्मचारियों का शोषण किया जाता हो और अब कर्मचारी विहीन होती रेल में कर्मचारियों के उसी वेतन के नाम पर किराया बढ़ाने का तर्क दिया जाय, वह साफ़- साफ सफ़ेद झूठ स्पष्ट रूप से प्रतीत हो रहा है। किराये में बढ़ोत्तरी के आधुनिकीकरण और विकाश का कारण भी औचित्यहीन है, क्योंकि किराये के साथ-साथ और भी विभिन्न प्रकार के अतिरिक्त चार्जेज भी लिए जाते हैं। इससे देश की आम जनता का शोषण होगा।
यदि कर्मचारियों के वेतन के नाम पर किराया बढ़ाया जा रहा है तो रेल की अधोसंरचना के अनुपात में लगभग 20 लाख स्थाई कर्मचारियों की भर्ती की जाय जिससे रेल नियमावली के अनुसार रेलवे का पहले की तरह निरिक्षण और रख-रखाव हो सके तथा सुरक्षित रूप से सभी ट्रेनें समय से संचालित कराई जा सके अन्यथा रेल में किराये में बढ़ोत्तरी का हर स्तर पर व्यापक रूप से विरोध होना चाहिए।
रेल सेवक संघ और लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी सरकार से मांग करती है कि, निजीकरण बंद करे तथा किराया बढ़ाने को तर्क-सांगत बनाने के लिए रेलवे की अधोसंरचना के अनुपात में रिक्त लगभग 20 लाख रेलवे कर्मचारियों की भर्ती करे अन्यथा बढ़ाये गए किराये को वापस ले।
ज्ञातव्य हो कि, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन द्वारा बीते दिनों किराये में बढ़ोतरी का संकेत देने के बाद मंगलवार को यात्री किराये में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी गई। रेलवे ने अपने इस कदम को रेलवे और यात्रियों के हक में बताते हुए कहा कि रेलवे स्टेशनों तथा ट्रेनों में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए किराये में मामूली बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी। विभाग ने कहा है कि किराये में बढ़ोतरी से भारतीय रेलवे के तेजी से आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।
रेलवे ने अपने ट्विटर हैंडल से एक नोट जारी किया है। रेलवे ने कहा, "अंतिम बार रेल किराये में बढ़ोतरी 2014-15 में की गई थी। इसके बाद तेजी से रेलवे की सुविधाओं को बढ़ाना का काम हुआ है। यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कोच को आधुनिक बनाने से लेकर रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन तक के काम में रेलवे लगा हुआ है। इसके अलावाए 7वें वेतन आयोग से भी रेलवे पर बोझ बढ़ा है, जिसकी वजह से किराये में बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी।"
In order to expand passenger amenities and facilities at Railway stations and in trains, it has become imperative to increase the train fare marginally without over burdening any class of passengers. Fast modernization of Indian Railway will be achieved through this fare revision pic.twitter.com/OXBEq0PSdl
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) December 31, 2019
swatantrabharatnews.com