नागरिकता विधेयक का पारित होना काला दिन, विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा: सोनिया
नईदिल्ली: 11 दिसंबर; कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को भारत के संवैधानिक इतिहास का "काला दिन" करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े थे।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भाजपा के "विभाजनकारी एजेंडे" के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी। सोनिया ने एक बयान में कहा, "आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है। नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित
होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है।"
उन्होंने कहा, "यह विधेयक उस आइडिया ऑफ इंडिया को बुनियादी तौर पर चुनौती है जिसके लिए हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने लड़ाई लड़ी। अब इसकी जगह अशांत, विकृत और विभाजित भारत बनेगा, जहां धर्म राष्ट्रीयता की पहचान होगा।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "यह विधेयक न सिर्फ हमारे संविधान में निहित समता एवं धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं होने के सिद्धांत का अपमान है, बल्कि यह उस भारत को खारिज करने का द्योतक है जो सभी धर्मों, जातियों, वर्गों और नस्ल के लोगों का रहा है।"
उन्होंने यह दावा भी किया, "यह विधेयक स्वंतत्रता आंदोलन की भावना के खिलाफ है और हमारे राष्ट्र की आत्मा पर कुठाराघात है।"
सोनिया ने कहा, "हमारा देश ऐतिहासिक रूप से सभी धर्मों के पीड़ित लोगों को शरण और संरक्षण देता रहा है। हम एक गौरवान्वित राष्ट्र हैं । हम इस सोच के साथ सदा खड़े रहे हैं कि भारत तभी स्वतंत्र रह सकता है जब लोग स्वतंत्र हों और हमारी संस्थाएं, सरकारें और राजनीतिक ताकतें नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए समर्पित हों।" उन्होंने कहा, "यह विडंबना है कि इस विधेयक को उस वक्त लाया गया है जब पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के विभाजनकारी एवं ध्रुवीकरण वाले एजेंडे के खिलाफ कांग्रेस अपना संघर्ष जारी रखने को प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की।
लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।
(साभार- भाषा)
swatantrabharatnews,com