इन्द्रागांधी आई हास्पीटल & रिसर्च सेंटर में अव्यवस्था और स्टाफ के दुर्व्यवहार से मरीज हो रहे त्रस्त - हुई झड़प
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी- लखनऊ के कैसरबाग में स्थापित "इन्द्रागांधी आई हास्पीटल & रिसर्च सेंटर" अपनी स्थापना से अब-तक अपनी विशेषताओं और आँख के सर्वोत्तम इलाज से प्रदेशवासियों में ही नहीं बल्कि बिहार और आस-पास के अन्य क्षेत्रवासियों में भी एक विश्वास स्थापित करने का कार्य किया है।
(साभार- मल्टी मीडिया)
परन्तु पिछले कुछ महीनों से लखनऊ का यह हास्पीटल & रिसर्च सेंटर प्रारम्भिक स्तर पर तैनात कुछ कर्मचारियों के लापरवाही के कारण दुर्व्यवस्था का शिकार हो रहा है, जिससे मरीजों और उनके उनके तीमारदारों को परेशान होना पड़ रहा है।
निचले स्तर के कर्मचारियों के साथ लगभग प्रतिदिन मरीज के साथ झड़प होती भी दिखाई देती है क्योंकि फाइल निकलने से लेकर सम्बंधित यूनिट/ वार्ड में फाइल पहुँचने में लगभग डेढ़ से दो घंटे लग रहे हैं तथा प्रारम्भिक स्तर पर आँख की जाँच के लिए सिस्टर्स द्वारा दवा डालकर आधे घंटे प्रतीक्षा करने को कहा जाता है परन्तु आधे घंटे के स्थान पर तीन घंटे तक मरीज को जांच के लिए बुलाया ही नहीं जाता है।
मरीजों और उनके तीमारदारों को डाक्टर्स से कोई शिकायत नहीं है। कमरा नंबर 105 में लगभग 05 घंटे से परेशान और दुर्व्यवस्था की शिकार 70वर्षीय श्रीमती सिद्दिका भी बेहद त्रस्त थीं। उनका कहना है कि, "यहां डाक्टर्स बहुत अच्छे हैं परन्तु स्टाफ ठीक से कुछ बताते नहीं हैं। मैं सबेरे साढे आठ बजे निचे काउन्टर पर आई तथा लगभग साढे नौ बजे कमरा नंबर 102 में मेरी जाँच हुई और हमें कमरा नंबर 105 में भेजा गया। अब शाम के 03 बजने जा रहे हैं। अभी तक कोई कुछ नहीं बता रहा है। बस मैम लोग कह रही हैं कि वेट करिए। अभी हमारी बहू पूछ रही है तो फिर नीचे कमरा नंबर 102 में जाँच के लिए फिर भेज रही हैं। भूख से अँतडियाँ सूख रही हैं। एक बार मैं भूख के मारे गिर भी चुकी हूँ।" श्री मती सिद्दिका के साथ आईं उनकी बहू ने भी बताया कि, "काउन्टर पर जो महिला कर्मचारी है, वह कुछ पूछो तो नाराज हो जाती है और कुछ बताने के स्थान पर 'वेट करो' झाड़ कर बोलती है। साढ़े नौ-दस बजे के बाद अब शाम के तीन बजने जा रहे हैं, फिर निचे कमरा नंबर 102 में जाँच के लिए भेज रही हैं। दो - चार माह से ज्यादे परेशानी होने लगी है। पहले ऐसा नहीं था। आज 3 - 4 लोगों से यह मैडम जो काउन्टर पर बैठी हैं, झगड़ा कर चुकी हैं।"
एक सड़ी मछली पूरे तालाब को गन्दा करती है इसलिए आवश्यक है कि "इन्दिरा गाँधी हास्पीटल & रिसर्च सेंटर, लखनऊ" की गरिमा और मरीजों में विश्वासनीयता बनाए रखने के लिए प्रबंधन ऐसे अशिष्ट और लापरवाह कर्मचारियों को चिह्नित कर नियमानुसार कार्यवाही करे।
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