दिग्विजयनाथ स्नाकोत्तर महाविद्यालय के स्वर्णजयंती समापन समारोह
शिक्षा मनुष्य के समग्र विकास की आधारशिला है: योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा मनुष्य के समग्र विकास की आधारशिला है। शिक्षित व्यक्ति ही सभ्य समाज का निर्माण कर सकता है। शिक्षण संस्थाओं को समाज सापेक्ष शिक्षा प्रदान करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों का अधिकाधिक व्यवहारिक एंव समाज सापेक्ष बनाकर रचनात्मक गतिविधियों से जोड़े। कोई भी संस्था अपनी पहचान तभी बनायेगा जब वह समाज सापेक्ष शिक्षा प्रदान करेगा। स्वच्छ भारत मिशन को शिक्षण अभियान से जोड़ा जाये।
मुख्यमंत्री ने उक्त उद्गार दिग्विजयनाथ स्नाकोत्तर महाविद्यालय के स्वर्णजयंती समापन समारोह तथा गोरक्षनाथ साहित्यिक केन्द्र के लोकार्पण अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
इस मौके पर उन्होंने महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण किया। इसके अतिरिक्त महाविद्यालय की पत्रिका अरावली एंव महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित स्मारिका के साथ बौद्ध शिक्षा की वैश्विक प्रासंगिकता का विमोचन किया और सप्ताह भर चलने वाली प्रतियोगिताओं जैसे रेगोली, भाषण, निबंध, लोकगीत, गायन और सम सामयिक विषयों पर आयोजित प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को प्रथम द्वितीय एंव तृतीय पुरस्कार वितरित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी संस्था के लिए स्वर्ण जयंती वर्ष काफी महत्व रखता है।
स्वर्णजयंती कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय में एक सप्ताह के अन्दर अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया इसके लिए उन्होंने बधाई दी।
उन्होंने कहा कि आम जन को आर्थिक स्वावलम्बन बनाने की दिशा में शासन की योजनाओं से अवगत कराया जाये।
उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण के दौरान ही बच्चों को अपने लक्ष्य निर्धारित कर लेने चाहिए ताकि सभ्य समाज की स्थापना हेतु अपने रचनात्मक दृष्टिकोण दे सके। महापुरूषों के कृत्यों से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों, मूल्यों को जीवन में अपनाकर कार्य करना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो0 धीरेन्द्रपाल सिंह ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा एक सप्ताह से बहुआयामाी गतिविधियों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें अनेक प्रतियोगिताएं, चिंतन आदि सम्पन्न हुए।
उन्होंने प्रतिभागी एंव विजयी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए महाविद्यालय कि विकास एंव विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्य अतिथि ने कहा कि देश की मूल चेतना आध्यात्मिक है, समग्र शिक्षा विकसित करना आवश्यक है। विकास के लिए शिक्षा के विशेष महत्व है। उ0प्र0 अच्छे दौर से गुजर रहा है, प्रगति की रफ्तार तेज है तथा विकास की ओर निरन्तर अग्रसर है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आई•आई•टी• और बी•एच•यू• के बी0 रामानाथन एंव प्रो0 उदय प्रताप सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
आभार ज्ञापन महाविद्यालय के प्रचार्य डा0 शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस मौके पर विभिन्न विश्वविद्यालयों एंव महाविद्यालयों के आचार्य गण तथा अन्य संबंधित जन उपस्थित रहे।
महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष- अभय सिंह ने भी अपने सहयोगीयों के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(नवनीत मिश्र, स्वतंत्र पत्रकार)
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