खुले भूमिक्षेत्र लाइसेंसिंग कार्यक्रम की बोली के चरण-IV की कल शुरुआत: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
नई-दिल्ली: सरकार ने अन्वेषण और उत्पादन के क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष में अनेक सुधारों को लागू किया है। तत्कालीन नई अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) के स्थान पर हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति (एचईएलपी) को मार्च, 2016 में मंजूरी दी गई और राष्ट्रीय डेटा कोष (एनडीआर) के साथ खुले भूमिक्षेत्र लाइसेंसिंग कार्यक्रम (ओएएलपी) की भारत में अन्वेषण और उत्पादन कार्यों में तेजी लाने के लिए मुख्य संचालक के रूप में जून, 2017 में शुरूआत की गई। सरकार ओएएलपी के तीन दौर में प्रमुख अन्वेषण और उत्पादन कंपनियों को1,18,280 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के 87 ब्लॉक प्रदान कर चुकी है।
तेल और गैस की आयात निर्भरता कम करने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए और अन्वेषण और उत्पादन कार्यों में तेजी लाते हुए, सरकार ने 28 फरवरी, 2019 को तेल और गैस की खोज वाले क्षेत्रों में और नीतिगत सुधार अधिसूचित किए, ताकि अन्वेषण कार्यों को बढ़ाया जा सके, तलछट बेसिनों के गैर-अन्वेषित/गैर-आवंटित क्षेत्रों में घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके और मंजूरी की प्रक्रिया को सरल एवं कारगर बनाकर तथा उसमें तेजी लाकर सुगम व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा सके।
सरकार अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बोलियों के लिए चौथे दौर की बोली की 27 अगस्त, 2019 को शुरूआत कर रही है, जिसे संशोधित नीति के दायरे में किया जाएगा। बोली के इस दौर में करीब 18,500 वर्गमीटर क्षेत्र के 7 ब्लॉकों की निवेशक समुदाय की बोलियों के लिए पेशकश की गई है। सभी 7 ब्लॉक बोलीकर्ताओं द्वारा दिए गए अभिव्यक्ति की रूचि पर आधारित हैं।
नीतिगत सुधारों की प्रमुख विशेषताओं में श्रेणी विशेष बोली मूल्यांकन मानदंड जिनमें अन्वेषण संबंधी कार्यक्रमों को अधिक महत्व दिया गया है, श्रेणी-IIऔर III प्रकार की बोलियां लगाना शामिल है, जो केवल अन्वेषण कार्य कार्यक्रम, अल्प अन्वेषण अवधि, रियायती दर पर रॉयल्टी दरों पर आधारित हैं, ताकि तेल और गैस के उत्पादन में तेजी लाई जा सके और वैकल्पिक विवाद निपटारा तंत्र की शुरूआत की जा सके।
एचईएलपी के अंतर्गत ओएएलपी के तीन दौर के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद भारत में अन्वेषण भूमि क्षेत्र 90,000 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर 2017 में 2,10,000 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया और उम्मीद है कि बोली के आगामी दौर से इसमें वृद्धि होगी। भारत के अन्वेषण भूमि क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक वर्ष में संशोधित तारीखों 1 अप्रैल से 31 जुलाई, 1 अगस्त से 30 नवम्बर और 1 दिसंबर से 31 मार्च से ईओआई चक्रों को बढ़ाकर दो से तीन कर दिया है।
प्रस्ताव आमंत्रित होने का नोटिस (एनआईओ) जारी होने के साथ बोलीकर्ता राष्ट्रीय डेटा कोष में उपलब्घ आंकड़ों का अध्ययन कर सकते हैं और बोली के लिए ब्लॉकों का चयन कर सकते हैं। बोलीकर्ता 27 अगस्त, 2019 से शुरू ऑनलाइन बिडिंग पोर्टल के जरिए अपनी निविदाएं जमा कर सकते हैं और बोली का दौर 31 अक्टूबर, 2019 को दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगा। ब्लॉकओएएलपी-IV के अंतर्गत पेश किए गए तीन तलछट बेसिनों; 7 भूमि खंडों में फैले हुए हैं, जिनमें श्रेणी II और III बेसिनों के 6 ब्लॉक और श्रेणी-I बेसिन का एक ब्लॉक शामिल है। ओएएलपी दौर IV से करीब 200-250 मिलियन अमरीकी डॉलर के अन्वेषण कार्य की प्रतिबद्धता की उम्मीद है। अभिव्यक्ति की रूचि का पांचवा चक्र वर्तमान में 30 नवम्बर, 2019 तक चलेगा औरइसके बाद 1 दिसंबर, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक छठा चक्र जारी रहेगा।
खुले भूमि क्षेत्र लाइसेंसिंग कार्यक्रम का विवरण (ओएएलपी बोली दौर- IV) (सभी ऑनलैंड ब्लॉक)
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