परहित में ही है स्वहित देखते हैं नागेन्द्र
रामेश्वरी जगदीश योगक्षेम ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष एवं "महिला कबड्डी लीग हमसे न लो पंगा" के स्वप्नदृष्टा समाजसेवी नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने वर्ष 1991 में स्वतंत्र भारत अखबार से पत्रकारिता शुरू की थी। उसके बाद वर्ष 1998 से 2012 तक हिंदी दैनिक हिंदुस्तान और फिर वर्ष 2015 तक श्कल्पतरु एक्सप्रेसश् समाचार पत्र में कार्यरत रहे। हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित होने पर उन्हें नियमित पत्रकारिता छोड़नी पड़ी। अंततः वह जब योगए परहेजए इलाज से थोड़ा स्वस्थ होते ही समाजसेवा में जुट गए।
नागेन्द्र ने वर्ष 2018 में महिला कबड्डी लीग "हमसे लो पंगा" करवाने का स्वप्न देखा था। इस सपने को उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर साकार भी कर दिया। इसके पहले उन्होंने अपने माता.पिता के नाम पर रामेश्वरी जगदीश योगक्षेम ट्रस्ट की स्थापना की थी।
हेपेटाईटिस-बी जैसी गम्भीर बीमारी से जंग करते हुए नागेन्द्र सैकड़ों लोगों को सेहत बाँट रहे हैं। राजधानी लखनऊ विशेषकर बख्शी का तालाब में जगह-जगह उनके निःशुल्क योग शिविर लगते हैं। वह विगत चार वर्षों से स्वस्थ बीकेटी-सुंदर बीकेटीष् अभियान चला रहे हैं। साथ हीए नारी सशक्तिकरण के लिए महिला कबड्डी लीग का कॉन्सेप्ट लेकर आए। यूपी में पहली बार हुई महिला कबड्डी लीग की बड़ी चर्चा हो चुकी है।
उनके योग अभियान पर दूरदर्शनए लखनऊ ने श्योग की कहानी.बीकेटी की जुबानीश् नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाकर पहले विश्व योग दिवस पर प्रसारित कर चुका है। वह योग के साथ बेटी बचाओ.बेटी पढ़ाओए नारी सशक्तिकरणए सामाजिक एकताए सामूहिक स्वच्छताए स्वरोजगार और पर्यावरण से जुड़े कार्यों को भी बढ़ावा देते हैं।
विगत 28 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय योग शिक्षक नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान नगर पंचायत बख्शी का तालाब ;जंगलवाए रामपुर देवरईद्ध के मूल निवासी हैं। नागेन्द्र आकाशवाणी और दूरदर्शन पर भी बराबर सक्रिय रहते हैं। वह राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों यथा. स्वतंत्र भारतए हिंदुस्तानए कल्पतरु एक्सप्रेस में काम कर चुके हैं। साथ ही उनके आलेख विभिन्न पत्र.पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
वर्ष 2014 में कल्पतरु एक्सप्रेस में सेवारत रहने के दौरान ही हेपेटाइटिस.बी नामक बीमारी से पीड़ित हुए थे। वह तीन महीने बिस्तर पर रहने और कई अस्पतालों में इलाज के बाद भी स्वस्थ नहीं हुए। अंततः उन्होंने पीजीआई के इलाजध्परामर्श और नियमित योगध्परहेज से अपने को ठीक किया। फिर 14 जुलाईए 2015 से योग शिविरों के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रखने का अभियान शुरू कर दिया।
अपने छात्र जीवन से ही सामाजिक कार्य करनेवाले श्री चौहान ने कक्षा 11 में अध्ययन करते हुए ष्परशुराम सेवा समितिष् बनाकर समाजसेवा शुरू की थी। समिति के माध्यम से बीकेटी क्षेत्र में पोलियो के विरुद्ध अभियान चलाया। इलाके में अनेक निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगवाए। अंतर विद्यालय वाद.विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। पुराने कपड़ों का संकलनध्वितरण करने के साथ सामूहिक स्वच्छता और पौधारोपण को प्रोत्साहित किया। उनके छात्र जीवन का यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है।
नागेन्द्र ने परहित को अपने जीवन का मूलमन्त्र बना रखा है। वह इस समय अपनी स्वयंसेवी संस्था ष्रामेश्वरी जगदीश योगक्षेम ट्रस्टष् के माध्यम से लखनऊ विशेषकर बीकेटी क्षेत्र में तमाम तरह के सामाजिक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपने घर में दो अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से श्सखी निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्रश् भी संचालित करवाया। इस केंद्र से 120 जरूरतमंद लड़कियां ट्रेंनिग लेकर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
उनकी स्वयंसेवी संस्था श्रामेश्वरी जगदीश योगक्षेम ट्रस्टश् ने विगत वर्ष से एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम श्प्रतिध्वनिरू रंगीला भारतश् की भी शुरुआत की है। वह महिला कबड्डी लीग श्हमसे न लो पंगाश् के माध्यम से लड़कियों खासकर दूरदराज के गांवों की बालिकाओं को शक्तिशाली बनाने में जुटे हैं। नागेन्द्र ने डब्ल्युकेएल को यूपी में ही नहींए बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का सपना देख रखा है। श्सशक्त बेटी.सशक्त भारतश् उनका नारा है।
श्री चौहान अपनी संस्था रामेश्वरी जगदीश योगक्षेम ट्रस्ट व महिला कबड्डी लीग के अलावा बैदेही वेलफेयर फाउंडेशनए अवध भारती संस्थान व अंश वेलफेयर फाउंडेशन जैसी अनेक सामाजिकए साहित्यिकए सांस्कृतिक संगठनों में भी पदाधिकारी हैं। इन स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यों में वह बराबर सक्रिय रहते हैं। साथ हीए कविताए कहानी व हास्य.व्यंग्य के लेखन में भी संलग्न रहते हैं।
वर्ष 2015 से 2019 के बीच नागेन्द्र को उनके सामाजिक कार्यों के लिए दो बार यूपी के श्री राज्यपाल महोदय ने सम्मानित किया। नेपाल की राजधानी काठमांडू में नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान ने नागेन्द्र को अवधी आराधक के तौर पर सम्मानित किया। इसके अलावा दर्जनों संस्थाएं नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान को विभिन्न सम्मानों से नवाज चुकी हैं।
(अनिल श्रीवास्तव)
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