
गुरुग्राम में जीएसटी आसूचना महानिदेशालय ने लगभग 40 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट को फर्जी तौर पर जारी करने के जुर्म में दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया
नई दिल्ली: जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) के गुरुग्राम जोनल इकाई ने आज लगभग 40 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट को फर्जी तौर पर जारी करने के जुर्म में दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया है। दोनों व्यापारियों के नाम मैसर्स जटालिया ग्लोबल वेंचर्स लिमिटेड दिल्ली के अनिल कुमार जैन और मैसर्स मनोज केबल्स लिमिटेड, दिल्ली के मनोज गर्ग हैं। इन दोनों व्यापारियों ने बिना माल सप्लाई किए हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट बिलों को फर्जी तौर पर जारी कर दिया था। इस तरह कर योग्य 210 करोड़ रुपये के कीमत की फर्जी आपूर्ति पर लगभग 40 करोड़ रुपये जीएसटी की चोरी की। इस कार्रवाई के पूर्व 450 करोड़ रुपये के कर योग्य धनराशि पर 79.21 करोड़ रुपये की जीएसटी की चोरी का एक मामला पकड़ा गया था। उसमें मैसर्स माइका इंडस्ट्रीज लिमिटड दिल्ली, मैसर्स सेटेलाइट केबल्स प्राइवेट लिमिटेड भिवाड़ी और मैसर्स गैलेक्सी मेटल्स प्रोडेक्ट के तीन व्यापारी लिप्त थे। इन्हें 14 सितंबर 2018 को गिरफ्तार किया गया था और इनके खिलाफ विभाग ने जीएसटी अधिनियम के तहत मुकदमा दायर कर दिया है।
मैसर्स जटालिया ग्लोबल वेंचर्स लिमिटेड, दिल्ली के अनिल कुमार जैन और मैसर्स मनोज केबल्स लिमिटेड, दिल्ली के मनोज गर्ग ने जिस मात्रा में जीएसटी चोरी की है और उनके द्वारा किए गए जुर्म की गंभीरता के मद्देनजर यह अपराध जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1) की उपधारा (5) के तहत गैर.जमानती अपराध है। इस अपराध के लिए सीधी गिरफ्तारी का प्रावधान है। इसलिए जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69 (1) के तहत दोनों व्यापारियों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, गुरुग्राम के सामने पेश किया गया और माननीय मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
जांच के दौरान कई स्थानों पर तलाशी ली गई और तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले, जिनसे फर्जी बिल जारी करने के सबूत मिलते हैं। इन कंपनियों ने बिना माल भेजे गलत तरीके से लेन-देन दिखाया था। गिरफ्तार मुलजिमों ने यह बात स्वीकार कर ली है।
आगे जांच चल रही है और कर चोरी की मात्रा बढ़ने के आसार हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस बात की संभावना है कि इस आपराधिक गठजोड़ में कई अन्य कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं।
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