उत्तर प्रदेश: हाय..... हाय..... बिजली गुल और पानी भी....!
* उत्तर प्रदेश की राजधानी- लखनऊ के इंद्रलोक कॉलोनी के SDO ने बताया कि, "आज-कल बरसात तथा आंधी-तूफान में निर्बाध बिजली के लिए प्री-मानसून तैयारी अर्थात बरसात के पहले बिजली के खम्भों और तार के पास के पेड़ों की डालियाँ काटने के कार्य और ट्रांसफार्मर के आस-पास कि सफाई का कार्य संभव नहीं है क्योंकि, हम लोगों को रेवेन्यू कलेक्शन पर लगा दिया गया है तथा स्टाफ भी नहीं है।"
** यदि आये दिन हो रही ट्रिपिंग और बिजली - कटौती नहीं रोकी गयी तथा निर्बाध 24 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं कि गयी तो दिन-भर और रात-भर की जा रही बिजली कटौती के बिरूद्ध लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी सड़क जाम करेगी।
(सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष/ लोसपा)
लखनऊ: गर्मी का कहर 45 डिग्री से ऊपर की सीढ़ी चढ़ने को बेताब है और आसमान से पानी की जगह आग बरस रही है। नीचे गजब की तपन से धरती की छाती जगह-जगह से फट रही है। चारो ओर हवा और पानी की नामौजूदगी से हाहाकार मचा है। आदमी की जात से लेकर परिंदे, चरिंदे, चींटी, पतंगे और चौपाये हलकान हैं। ऐसे में सूबे में बिजली, पानी की बदइन्तजामी का आलम ये है कि "बिजली दो, पानी दो वरना गद्दी छोड़ दो" के नारों के साथ लोगों को धरना-प्रदर्शन करके पुलिस की लाठियों का शिकार होना पड़ रहा है।
मजे की बात है कि बिजली-पानी की आवाजाही की तरह सूबे के मुख्यमंत्री भी लोकसभा चुनाव की जीत के जश्न में शामिल होने की व्यस्तता के बीच सूबे में आते-जाते रहते हैं।
दूर-दराज के इलाकों की बात दरकिनार करिये राजधानी लखनऊ में बिजली गई तो गई, आई तो ट्रिपिंग चालू हो जाती है, जिससे बिजली के महंगे उपकरण फुंक जाते हैं।
आमतौर पर बिजली का आना-जाना करीबी मेहमानों की तर्ज पर या मुख्यमंत्री/मंत्रियों के चुनाव अभियानों के बीच से सूबे में वापसी जैसा ही है।
बता दें राजधानी के कई इलाके तीन-चार दिन बगैर बिजली के भीषण गर्मी में पीड़ित हैं और इनकी गुहार भी कोई नहीं सुनने वाला।
हां, बिजली मंत्री जरूर बिजली आपूर्ति के रिकार्ड बनाने का बयान देकर अपनी पीठ अपने ही हाथों ठोक रहे हैं।
बिजली नही तो पानी नहीं, लेकिन जहां कहीं पानी की सप्लाई हो रही है वहां भी अधिकांश गन्दा और न पीने लायक ही पानी मिल रहा है। पिछले दो महीनों में जल संस्थान के 70 नमूने फेल पाए गये, जिससे स्वास्थ विभाग चिंतित होकर नगर निगम को पत्र लिखकर चेता चुका है।
राजधानी के किसी इलाके में नंगी आंखों से देखा जा सकता है, लोगों के हाथों में लटकी प्लास्टिक की बाल्टियां, बोतलें या कंटेनर, जिन्हें वे जलकल की भूजल से जुड़ी टंकी से या किसी के निजी सबमरसेबल पंप से भरने जा रहे होते हैं। कई इलाकों में पानी को लेकर मार-पीट के साथ जलकल कर्मियों, आला अधिकारियों से मारपीट की ख़बरें भी आ रही हैं। इन सबके बीच पानी बेचने का धंधा बखूबी परवान चढ़ रहा है। इस बार जेठ के चार मंगल बीत गये लेकिन पीने के पानी की पौशालाएं सड़कों से नदारद हैं। यही नहीं लोगों के बीमार होने और अस्पतालों के बिस्तर से लेके इमरजेंसी तक में मारामारी की भी ख़बरें हैं।
बिजली की कटौतियों को लेकर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश-अध्यक्ष- सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव ने बताया क़ि, बिजली कटौती क़ि समस्या को लेकर तथा प्री-मानसून को लेकर वे बराबर आंदोलित हैं, लेकिन बिजली समस्या ठीक होने का नाम नहीं ले रही है।
उन्होंने बताया क़ि, "हद्द तो तब हो गयी जब मैंने SDO /इंद्रलोक कॉलोनी से निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए प्री-मानसून तैयारी अर्थात खम्बों और तारों के ऊपर लहरा रही पेड़ों की डालें काटने और ट्रांसफार्मर के पास की सफाई नहीं कटाने का कारण पूछा तो उत्तर प्रदेश की राजधानी- लखनऊ के इंद्रलोक कॉलोनी के SDO ने बताया कि, "आज-कल बरसात तथा आंधी-तूफान में निर्बाध बिजली के लिए प्री-मानसून तैयारी अर्थात बरसात के पहले बिजली के खम्भों और तार के पास के पेड़ों की डालियाँ काटने के कार्य और ट्रांसफार्मर के आस-पास कि सफाई का कार्य संभव नहीं है क्योंकि, हम लोगों को रेवेन्यू कलेक्शन पर लगा दिया गया है तथा स्टाफ भी नहीं है।"
प्रदेश अध्यक्ष- सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि, यदि आये दिन हो रही ट्रिपिंग और बिजली - कटौती नहीं रोकी गयी तथा निर्बाध २४ घंटे बिजली आपूर्ति नहीं कि गयी तो दिन-भर, रात-भर की जा रही बिजली कटौती के बिरूद्ध लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी सड़क जाम करेगी
उत्तर प्रदेश की राजधानी- लखनऊ के इंद्रलोक कॉलोनी के SDO ने बताया कि, "आज-कल बरषत में तथा आंधी-तूफान में निर्बाध बिजली के लिए प्री-मानसून तैयारी अर्थात बरसात के पहले बिजली के खम्भों और तार के पास के पेड़ों की डालियाँ काटने के कार्य और ट्रांसफार्मर के आस-पास कि सफाई का कार्य संभव नहीं है क्योंकि, हम लोगों को रेवेन्यू कलेक्शन पर लगा दिया गया है तथा स्टाफ भी नहीं है।"
बिजली की कटौतियों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता- सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि इस भीषण गर्मी के प्रकोप से प्रदेश की जनता त्राहि त्राहि कर रही है परन्तु जिला प्रशासन की लापरवाही के फलस्वरूप राजधानी में प्रदूषित पानी की सप्लाई हो रही है। यदि तत्काल इस सन्दर्भ में प्रभावी कदम न उठाये गये तो निश्चित रूप से राजधानीवासी भयंकर बीमारियों की चपेट में आ जाएंगे। श्री त्रिवेदी ने यह भी कहा कि अब तक नगर निगम द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों के द्वारा केवल नाममात्र को नाला सफाई की गयी और करोडों रूपया भुगतान किया जा रहा है। शहर की पुरानी और घनी बस्तियों में नालियों की सफाई की ही नहीं गई न ही कीटनाशकों का छिडकाव किया गया। ऐसे में शहर को बीमारी की चपेट में आने से कैसे बचाया जा सकेगा।
ऐसे हालातों को सूबे के मुख्यमंत्री कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं। उनके लिए सूबा उत्तर प्रदेश की जनता महज कीड़े-मकोड़े की श्रेणी में है।
(राम प्रकाश वरमा)
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