नियमों की पाबंद व संस्कार की पाठशाला भी है सूरजपुर स्थित जे एस कान्वेंट स्कूल
गौतमबुद्धनगर: अनिल कुमार श्रीवास्तवने बताया कि, कान्वेंट शब्द को आत्मसात करते हुए गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर स्थित जे एस कान्वेंट स्कूल ने भारतीय सभ्यता के साथ अंग्रेजी विकास की नींव रखी है।
इस विद्यालय में कान्वेंट विचार और भारतीय संस्कृति का बेजोड़ संगम देखने को मिलता है। विद्यालय प्रशासन व शिक्षकों की मेहनत के बूते यह विद्यालय इस शैक्षिक सत्र में भी लोकप्रिय बना हुआ है। पिछले सत्र में बेहतरीन रिजल्ट के साथ अपनी अलग पहचान बनाई थी।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो को शिक्षित कर विकास की मुख्यधारा में लाने के निमित्त उपजे विचार को आकार देते हुए लगभग 1609 में इंग्लैंड की एक चर्च में कान्वेंट स्कूल खोला गया था। पश्चिमी देशों में सराहा गया यह विचार बेहद लोकप्रिय हुआ और भारत के कलकत्ता में लगभग 1842 में पहला कान्वेंट स्कूल खुला हालांकि इसकी कमान अंग्रेजो के पास थी लिहाजा अंग्रेजी सभ्यता से प्रेरित इस स्कूल में अंग्रेजी संस्कृति को प्रमुखता दी गयी। उस समय इसे फ्री स्कूल कहा जाता था। इसी कानून के तहत कलकत्ताए बम्बई व मद्रास यूनिवर्सिटी भी बनाई गई जो अंग्रेजो के जमाने की हैं। भारतीय संस्कृति का समावेश करते हुए कान्वेंट विचार से प्रेरित शिक्षधर्मी गणेश चन्द्र विश्वास ने गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर में जे एस कान्वेंट स्कूल की नींव रखी। आत्मविश्वास से भरे बंगाल के मूल निवासी श्री विश्वास के इस सराहनीय कार्य मे अपना अमूल्य योगदान देते हुए गणित के जादूगर व प्रबन्ध तंत्र के राविल कुमार उनके हर पग के साथी बने।श्री राविल ने अपनी मेहनत से विद्यालय को बुलंदियों तक छुवाया। विद्यालय की इस लोकप्रियता में जहा एक तरफ श्री विश्वास का आत्मविश्वास था, वही दूसरी तरफ श्री राविल की गणित। इस युगल जोड़ी ने विद्यालय को नए आयाम देकर यहां की शिक्षा को एक नई दिशा दी है।
उल्लेखनीय है कि चारों तरफ औद्यगिक इकाइयां होने की वजह से शिक्षा का यह केन्द्र अति महत्वपूर्ण माना जाता है। देश के अलग अलग हिंस्सो से बसे नागरिकों की अलग-अलग सभ्यता व संस्कृति है, जिनके बच्चे इस विद्यालय में विद्या अर्जित करते हैं। विकास के इस दौर में विकसित देशों की शिक्षा पद्धति पर आधारित इस विद्यालय में भारतीय सभ्यता संस्कृति का भी ज्ञान दिया जाता है। नियमो के पाबंद इस स्कूल में संस्कार की पाठशाला भी लगाई जाती है, जिससे संस्कारित बच्चे घर ही नही अपितु समाज के लाडले बन अपनी अलग छवि बनाते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस शैक्षिक सत्र का आगाज भीषण गर्मी के साथ हुआ लेकिन विद्यालय प्रशासन ने तपती गर्मी और बच्चो का भविष्य देखते हुए नरमी दिखाते हुए मानसून आगमन तक सिर्फ 12 बजे तक शैक्षणिक कार्यो का फैसला लिया, जिससे अभिभावकगणो ने साधुवाद भी ज्ञापित किया। इसके अलावा शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए रचनात्मक कार्यो के साथ साथ अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन भी पारम्परिक रूप से प्रतिमाह किया जाता है, जिससे अभिभावक व शिक्षक बच्चो व उनकी शिक्षा के प्रति विचार विमर्श पर समन्वय स्थापित करते हैं और अभिभावक अपने बच्चो की गतिविधियों से अपडेट रहते हैं। इस डिजिकली युग मोबाइल से सन्देश द्वारा भी विद्यालय प्रशासन अभिभावकों को अपडेट रखता है जैसे विद्यालय की आगामी गतिविधियाए बच्चो का गृहकार्य आदि। साथ ही प्रतिभाओ के शैक्षिक विकास के साथ साथ शारीरिकए सामाजिक व सांस्कृतिक विकास के लिए भी विद्यालय प्रशासन खासा ख्याल रखता है। खेलकूद आयोजन, सांस्कृतिक आयोजन व सामाजिक आयोजन कराकर प्रतिभाओ को रचनात्मकता से रूबरू कराता है। ऐतिहासिक स्थलों पर पिकनिक टिप्स के माध्यम से उनकी ऐतिहासिकता के बारे में महीन से महीन जानकारी देता है।
आइए, आप का तआरुफ कराते हैं इस विद्यालय को सफलता के शिखर पर पहुंचाने वाली इस जे एस टीम से.......
चैयरमैन श्री जी सी विश्वास
ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक इलाके के आवासीय क्षेत्रो में शिक्षा की अलख जला रहे गणेश चन्द्र विश्वास यूँ तो किसी परिचय का मोहताज नही है, लेकिन सामाजिक सरोकारों से जुड़े श्री विश्वास ने अपनी मेहनत के बूते शैक्षिक विकास में अहम योगदान देकर समाज मे अलग पहचान बनाई है। सूरजपुर में शिक्षा के क्षेत्र में बतौर शिक्षक शुरुआत करने वाले श्री विश्वास अपने आत्मविश्वास के बल पर प्रधानाचार्यए प्रबंधक व विद्यालय पार्टनर तक का सफर कर लोगो की अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। बंगाल से उत्तर प्रदेश के ऐसे स्थान जहाँ औद्यगिक इकाइयां होने की वजह से विविध संस्कृति व भाषाओं के लोगो से तालमेल बिठा पाना अपने आप मे बड़ी बात है। तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद श्री विश्वास अपनी लगनए मेहनत के बूते आज इस इलाके में सफल शिक्षकों में शुमार होते हैं। प्रतिभा विकास के प्रति समर्पित श्री विश्वास अनदेखी प्रतिभाओ को तलाश व तराश कर उचित मंच दिलाने का प्रयास करते हैं। खेलकूद, गीत, संगीत आदि क्षेत्रों में रचनात्मक तरीके से प्रतिभाओ में उत्साह का संचार करते रहते हैं। चाहे वृक्षारोपण अभियान होए सर्व शिक्षा अभियान या नशा उन्मूलन अभियान इनमें सक्रिय होकर क्षेत्रवासियों में गजब का सन्देश दे जाते हैं।
प्रबंधक श्री राविल कुमार
विद्यालय के प्रबंधतंत्र की अगुवाई कर रहे विद्यालय के प्रबंधक राविल कुमार ने अपने सख्त नियमो से विद्यालय को नई व सकारात्मक दिशा दी है। श्री राविल स्वयं गणित के बेहतरीन शिक्षक हैं। छात्रों, अभिभावकों व स्टाफ की समस्याओं पर पैनी नजर रखने वाले तेजतर्रार प्रबंधक श्री राविल का व्यवस्था तंत्र इतना खूबसूरत है कि हर कोई इनके निर्णयों से सन्तुष्ठ रहता है। अपने विद्यालयों की प्रतिभाओ को रचनात्मक शिक्षा के लिए समय समय पर आयोजन की कार्ययोजना बनाकर बड़ी ख़ूबसूरती से क्रियान्वित कराते हैं। सफल प्रबंधक, शिक्षा धर्मी के साथ साथ सामाजिक चिंतक भी हैं। आर्थिक व शारीरिक रूप से कमजोर परिवारों की पड़ताल कर उनके बच्चों को शिक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए यथासम्भव आर्थिक छूट देकर शिक्षा की अलख जलाने के लिए ततपर रहते हैं। श्री राविल के प्रबंधन से स्कूल में बेहतरीन संस्कार स्थापित हुये हैं।
प्रधानचार्य श्री राजू कासंवाल
किसी भी विद्यालय की प्रगति उसके प्रधानाचार्य पर टिकी होती है। इस विद्यालय के प्रधानाचार्य राजू कांसवाल हैं। स्वतन्त्र विचार, दयालु, मदृभाषी श्री राजू का विराट व्यक्तित्व सभी को आकर्षित करता है। अपने स्टाफ व अभिभावकों की सहायता के लिए हर समय ततपर रहने वाले कर्मयोगी श्री राजू के मिलनसार व्यवहार व कर्मठता की वजह से स्टाफ व अभिभावक उनका बहुत सम्मान करते हैं।
कार्यालय प्रभारी श्री धर्मेन्द्र श्रीवास्तव
कार्यालय में लेखा जोखा का काम आति महत्वपूर्ण होता है। इस विद्यालय के कार्यालय प्रभारी धर्मेन्द्र श्रीवास्तव अपनी नियमित कार्यशैली की वजह से जाने जाते हैं। विद्यालय की हर गतिविधि का महीन से महीन हिसाब करीने से रखने वाले श्री धर्मेन्द्र ने हर कार्यए योजना के अलग अलग दस्तावेज बना रखे हैं। उन दस्तावेजों को नियमित अपडेट कर विद्यालय प्रशासन को रिपोर्ट करते हैं।इसके अलावा वो एक बेहतर शिक्षक भी हैं।
नवनियुक्त अध्यापिका श्रीमती रीता श्रीवास्तव
बच्चो में गणित जैसे दुरूह विषय को रुचिकर बनाने का माद्दा रखने वाली नवनियुक्त अध्यापिका रीता श्रीवास्तव ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे इस जे एस ग्रुप से जुड़कर क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षित करने का संकल्प लिया है। एनटीटी (नेशनल टीचर्स ट्रेनिंग) सर्टिफाइड श्रीमती रीता पूर्व में लखीमपुर जिले के एक लोकप्रिय महिला इन्टरकालेज में गणित की बेहतरीन अध्यापिका रही हैं। विज्ञान, गणित से स्नातक व अर्थशास्त्र से परास्नातक श्रीमती रीता इससे पूर्व निजी तौर पर क्षेत्र के बच्चो को शिक्षित कर उनके जीवन से अशिक्षा का अंधियारा दूर कर रही थी।
इसके अलावा विज्ञान (भौतिक, रसायन, जीव, वनस्पति), गणित, अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, सामान्य ज्ञान, कला सभी विषयों के अनुभवी शिक्षक विद्यालय की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। प्रतिभाओ के आवागमन की सुविधा के लिए तैनात चालक, परिचालक विद्यार्थियों का विशेष ख्याल रखते हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विद्यालय को स्वच्छ बनाने में महती भूमिका निभाने के साथ बच्चो की देखभाल रखते हैं। यहां के कर्मचारी विद्यार्थियों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखते हैं। बिना पहचान किये नन्हे मुन्नों को अजनबी को नही सौंपते।
(अनिल कुमार श्रीवास्तव)
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