सागर में राजकीय विवि और महिला विवि खोलने की मांग को लेकर फिर शुरू होगा आंदोलन: रघु ठाकुर
17 और 18 सितंबर को मोर्चा देगा नई दिल्ली में धरना
सागर (मध्य प्रदेश): सागर में महिला विश्वविद्यालय और राजकीय विश्वविद्यालय की मांग को लेकर सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा द्वारा स्थगित आंदोलन को शीघ्र पुन: शुरू किया जावेगा। उसके पूर्व अगले सप्ताह में ही मुख्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा जावेगा।
यह बात मोर्चा के संरक्षक रघु ठाकुर ने पत्रकारों से कहा कि, समूचे सागर जिले को उम्मीद थी कि जुलाई में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पूर्व प्रदेश सरकार सागर में राजकीय विश्वविद्यालय शुरू करेगी या फिर महिला विश्वविद्यालय की स्थापना घोषणा करेगी। परंतु दोनो ही मामलों में निराशा हाथ लगी। राजनैतिक दलों में नंबर बराबर-बराबर करने की होड़ चल रही है। छतरपुर में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना में भी सागर जिले के दो मंत्रियों का समर्थन था तो छिंदवाड़ा में भी विश्वविद्यालय की स्थापना में दो ही मंत्रियों का समर्थन है। जो कि कम से कम मंत्रीमंडल की बैठक में केवल सागर के कांग्रेसियों के फरवरी माह के विज्ञापन को ही सामने रख देते तो वह अपना दायित्व करते। मोर्चा ने कांग्रेस नेताओं के आव्हान पर आंदोलन स्थगित किया था, परंतु अब पुन: आंदोलन के लिए विवश है। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर अनुरोध करेंगे कि या तो दोनों की स्वीकृति दें। अगर राजकीय विश्वविद्यालय में ज्यादा समय लगना हो तो महिला विवि की कार्रवाई पूरी करायेंं। श्री ठाकुर ने कहा कि मुझे लगता है कि बीच के लोगों द्वारा सीएम को सही सूचना न देने के कारण समस्या बनी है। उन्होंने कहा कि सागर केंटोमेंट के किसान और निवासी परेशान है, उन्हें छावनी प्रशासन द्वारा अवैधानिक और अकार्मिक नोटिस दिए जा रहे है। यह समस्या सागर नहीं वरन् पूरे देश के केंटों की है। यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री शरद पवार के समक्ष हमने पहल की थी कि जितने भी केंटोंमेंट है उनकी जमीन को स्थानीय निकायों में शामिल कर स्थायी किया जावे। सेना की सहमति से राज्य सरकार नए स्थल चयनित करे। लगभग 12 साल से यह प्रस्ताव लंबित है।
17 और 18 सितंबर को मोर्चा नई दिल्ली में धरना देने जा रहा है, जिसमें राजकीय विश्वविद्यालय, छावनी क्षेत्रों के विलीनीकरण, निवासियों के स्वामित्व की घोषणा, लंबित रेल लाईनों के काम की शुरूवात, क्षिप्रा एक्सपे्रस के रूट को न बदला जाये, दक्षिण के लिए ट्रेन और डॉ गौर तथा मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न, दिए जाने संबंधी मांगे रखी जायेंगी।
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