बिरला बने नये लोकसभा अध्यक्ष: निष्पक्षता से सदन चलाने की बात कही
नयी दिल्ली: भाजपा सांसद और राजग उम्मीदवार ओम बिरला को बुधवार को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। पद संभालने के बाद उन्होंने कहा कि वह निष्पक्षता के साथ सदन चलाएंगे और कम संख्या वाले दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विपक्ष ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए नवनिर्वाचित अध्यक्ष को तहे दिल से सहयोग देने का आश्वासन दिया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टी आर बालू एवं तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने बिरला की उम्मीदवारी का समर्थन किया और उनसे पीठासीन अधिकारी के रूप में निचले सदन को चलाने के समय निष्पक्ष रहने का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गये और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव को सदन द्वारा ध्वनिमत से स्वीकार किये जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने बिरला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन की घोषणा की।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेता बिरला को अध्यक्ष के आसन तक लेकर गये। इस दौरान पूरे सदन ने लंबे समय तक ताली बजाकर और मेजें थपथपाकर नये अध्यक्ष का अभिनंदन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि वह वर्षों के अपनी सामाजिक संवेदना भरे जीवन के कारण सदन का सुगमता से संचालन कर पाएंगे। उन्होंने गुजरात में आए 2011 के भूकंप और 2013 में उत्तराखंड में भीषण बाढ़ सहित देश के विभिन्न भागों में बिरला द्वारा किये गये समाजिक कार्यों को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिरला को अध्यक्ष के नाते सभी को अनुशासित और अनुप्रेरित करने तथा सत्तापक्ष को भी नियमों की अवहेलना पर टोकने का अधिकार होगा।
प्रधानमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार उनके कामकाज को सरल बनाने में शत-प्रतिशत योगदान देगी।
सदन में बुधवार को ध्वनिमत से राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए बिरला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के बाद मोदी ने कहा कि बिरला छात्र राजनीति से यहां तक पहुंचे हैं और उन्होंने जन आंदोलन से ज्यादा ध्यान जनसेवा पर केंद्रित रखा है। उन्होंने राजस्थान विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "बिरला सार्वजनिक जीवन में विद्यार्थी काल में छात्र संगठनों से जुड़ते हुए जीवन के सर्वाधिक उत्तम समय में किसी भी विराम के बिना समाज की किसी न किसी गतिविधि से जुड़े रहे।" बिरला ने पदभार संभालने के बाद कहा कि वह निष्पक्षता के साथ सदन चलाएंगे और कम संख्या वाले दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से ज्यादा जवाबदेही और पारदर्शिता की अपेक्षा है।
पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद के सदस्यों और सभी राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी निष्पक्ष होनी चाहिए और निष्पक्ष दिखनी भी चाहिए।
बिरला ने सदस्यों से कहा कि वे केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दे विशेषकर बुनियादी मुद्दे उठाएं क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि सदस्य ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनका केंद्र सरकार से कोई संबंध नहीं होता है।
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने बिरला को तहे दिल से सहयोग देने का आश्वासन देते हुए उनसे निष्पक्ष रहने और जनहित के मुद्दे उठाने के लिए विपक्ष को पर्याप्त समय देने का अनुरोध किया।
कांग्रेस नेता ने लोकसभा द्वारा बहुत कम विधेयकों को स्थायी समिति को भेजने पर चिंता जतायी और उम्मीद जतायी कि इस चलन में परिवर्तन होगा।
बीजद के पिनाकी मिश्रा ने भी यही चिंता जतायी।
बिरला को अध्यक्ष के आसन तक ले जाने में द्रमुक के टी आर बालूए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बीजद के पिनाकी मिश्रा और लोजपा के चिराग पासवान आदि भी शामिल थे।
बिरला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के लिए प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, शिवसेना के अरविंद सावंत, बीजद के पिनाकी मिश्रा, अकाली दल के सुखबीर बादल, जदयू के राजीव रंजन, केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, प्रहलाद जोशी, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टी आर बालू और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने प्रस्ताव रखे। उनके पक्ष में कुल 13 प्रस्ताव पेश रखे गये।
इन प्रस्तावों का क्रमशः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रमेश पोखरियाल निशंक, शिवसेना के विनायक राउत, बीजद के अच्युतानंद सामंत, लोजपा के चिराग पासवान, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, वाईएसआर कांग्रेस के पी वी मिथुन रेड्डी, अन्नाद्रमुक के पी रवींद्रनाथ कुमार, द्रमुक के बालू, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और तेलंगाना राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव ने समर्थन किया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने 17वीं लोकसभा के पहले दो दिन का कामकाज सुगमता से चलाने के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार और उनके पैनल में शामिल कांग्रेस के के• सुरेश, बीजद के बी महताब तथा भाजपा के ब्रजभूषण शरण सिंह का आभार जताया।
उन्होंने लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव का भी धन्यवाद जताया।
गौरतलब है कि ओम बिरला राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं।
विपक्ष की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया गया।
बिरला (56 वर्ष), प्रधानमंत्री मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के काफी करीबी माने जाते हैं। उन्होंने आठ बार सांसद रह चुकी सुमित्रा महाजन के बाद यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली है।
लोकसभा में सांसदों के शपथ लेने के क्रम में पिछले दो दिनों में सदन में लगाये जाने वाले नारों का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि सदन में "जय श्रीराम" और "अल्ला हो अकबर" जैसे धार्मिक नारे लगाये गये।
उन्होंने कहा कि देश का सामाजिक तानाबाना तब ही मजबूत होगा जब लोग सभी के धार्मिक मतों का सम्मान करेंगे।
आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने अध्यक्ष से सदस्यों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने को कहा और कहा कि सक्रिय विपक्ष स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा है।
अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल एवं अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान क्षेत्रीय एवं छोटे दलों को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
एआईएमआईएम के नेता असादुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को शक्तियों के विभाजन का संरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए तथा निर्वाचित सरकार को राजशाही नहीं बनना चाहिए।
(साभार- भाषा)
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