विशेष: उ• रे• पुल कारखाना जालंधर ने रेलवे के दिग्गज इंजीनियर और मोहब्बत के मसीहा- लखवन्त सिंह को उनके सेवानिवृत्त पर दी भाव-भीनी बिदाई
ख़ुशी की आँख से पल में, जो सुरमा लूट सकते हैं,
हवायें झूठ कहती हैं, वो ऐसे बैठ सकते हैं।
अभी तो साथ मे अपने, इन्हें इतिहास रचना है
मोहब्बत के मसीहा, कब कहाँ यूँ छूट सकते हैं।।
जालंधर छावनी: मित्रों, समाज में प्रायः चंद लोग ही ऐसे होते हैं जो जीवन के हर क्ष्रेत्र में समरूप से सफ़ल होते हैं। वो जीवन की हर एक भूमिका में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ते हैं। ज़िंदगी का हर रंग मानो उनके लिये ही बना है।
लखवन्त सिंह जी ऐसे ही उन चंद दिग्गज़ों में से एक ऐसे इंजीनियर हैं जिन पर उत्तर रेलवे का पुल कारखाना- जलंधर छावनी ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारतीय रेलवे गर्व करता है।
एक उच्च आदर्शों को स्थापित करने वाला पति, संतानों के प्रति अपने कर्तव्यों का भली-भांति निर्वहन करने वाले पिता, एक सवेंदनशील सामाजिक सदस्य एवम एक निष्ठावान रेलवे इंजीनियर लखवन्त सिंह जी प्रत्येक भूमिका में श्रेष्ठतम रहे हैं।
आप उत्तर रेलवे के साथ-साथ बँगला देश और द•अफ्रीका में उच्च पद पर कार्यरत थे। आपने कई देशों और संभागों में अपनी अतीव मेधा से इन्होंने इतिहास रचा है। उत्तरोत्तर पदोन्नति और विभागीय प्रतिष्ठा इनकी रचनात्मक कार्य क्षमता और इनकी निष्ठा का परिचायक है।
शनिवार 31 मार्च 2019 को साथी लखवन्त सिंह जी अपनी 38 बर्ष की सरकारी सेवा से निवृत हो गये हैं। निश्चित रूप से यह खुशी का अवसर है, आजादी का जश्न है।
अंत मे चार पंक्तियाँ और इन्हें सौंपकर अपनी बात समाप्त करना चाहूँगा कि....
सरलतम बात सुननी हो, तो इनसे बात कर लेना
कोई सौगात चुननी हो, तो इनसे बात कर लेना।
कि कैसे मुस्कराकर ज़िन्दगी में, जीतना चहिए
ख़ुशी हर बार चुननी हो, तो इनसे बात कर लेना।।
(सच्चिदानन्द श्रीवास्तव)
इस अवसर पर उत्तर रेलवे पुल कारखाना जालंधर में अधिकारियों, कर्मचारियों और ट्रेड यूनियन के नेताओं ने अपने दिग्गज इंजीनियर और मोहब्बत के मसीहा- लखवन्त सिंह को भावपूर्ण बिदाई दी तथा आपके भावी जीवन की मंगल कामना की।
तत्पश्चात रिटायर होने वाले इंजीनियर- लखवन्त सिंह की तरफ से एक स्थानीय होटल में आयोजित सहभोज में रेलवे अधिकारियों, इंजीनियर्स और कर्मचारी परिवार के साथ-साथ उनके मित्र- पूर्व इंजीनियर- जलालुद्दीन अहमद, मिलिन्द कुमार व अन्य के परिवार के साथ-साथ उनके सभी रिस्तेदार और परिवार के सभी सदस्य सहभागी बने तथा आपके दीर्घायु और पूर्ण स्वस्थ रहने की मंगलकामना की।
माहौल उस समय एकदम भावुक हो गया जब लखनऊ से आये उनके साथी- पूर्व इंजीनियर तथा रेल सेवक संघ के महामंत्री व लोसपा के प्रदेश अध्यक्ष (उ•प्र•)- सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने अपने साथी लखवन्त सिंह और उनकी पत्नी को एक-एक माला पकड़ाकर जयमाल कराई। दोनों के आँखों से जैसे प्रेमाश्रु निकले, सभी भाव-बिभोर हो उठे। लेकिन तुरन्त ही भाभी के भाई उनके आँसू पोछने लगे, केक खिलाने लगे तथा सभी लोग डी जे की धुन पर नाचने-गाने लगे तथा बहुएँ, बच्चे और वहां उपस्थित तमाम नारी-शक्तियो ने गिद्धा डाँस की विशेष और उत्कृष्ट प्रस्तुति प्रस्तुत कर माहौल और सहभोज को एक जश्न- एक उत्सव में बदल दिया जो एक यादगार बन गई।
आप दीर्घायु हों, आप पूर्णतः स्वस्थ रहें, यशस्वी हों ऐसी शुभेक्षाओं के साथ हम सब आपको सेवा निवृत्ति की बधाइयाँ देते हैं। मंगल कामना करते हैं।
धन्यवाद।
संपादक
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