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जम्मू-कश्मीर में आयकर विभाग की कार्रवाई
नई-दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बताया कि, आयकर विभाग ने 28 मार्च 2019 को श्रीनगर और उसके आसपास स्थित 5 परिसरों में तलाशी की कार्रवाई को अंजाम दिया। श्रीनगर में दुकानों, इमारतों और भू-सौदों में अवांछनीय तत्वों की अघोषित आय का पता लगाने के लिए दो समूह स्थानीय अधिकारियों के साथ जुड़े थे।
तलाशी के दौरान पता चला कि श्रीनगर विकास प्राधिकरण द्वारा सब्जी व फल विक्रेताओं के पुनर्वास के लिए बनाई गई 76 दुकानों को प्रभावशाली और अमीर लोगों को महंगे प्रीमियम पर नकद बेचा गया। विभाग ने जिन लोगों के ठिकानों पर शुक्रवार को सर्वे किया, उनमें से एक ने खुद को सब्जी विक्रेता यूनियन बटमालू का चेयरमैन बताकर इन दुकानों को बेचा। इस लेनदेन में बड़ी मात्रा में कालेधन का प्रयोग हुआ। जांच के दौरान पता चला कि स्वयंभू चेयरमैन ने मार्केट की पहली मंजिल पर चार दुकानें 1.09 करोड़ रुपये में बेची। नौ लाख रुपये चेक से दिए गए, जबकि एक करोड़ रुपये का नगद लेनदेन हुआ। यहां से उसने जो काला धन कमाया, उससे उसने न्यू फ्रूट कांप्लेक्स, परिमपोरा में तीन मंजिला होटल/ शाॅपिंग कॉम्पलेक्स बनाया।
दूसरे तलाशी अभियान में खुलासा हुआ कि अनधिकृत कब्जे के तहत लगभग 86 कनाल भूमि स्थानीय प्रभावशाली लोगों को उच्च प्रीमियम पर बेची गई थी। इस लेनदेन का कहीं जिक्र नहीं किया गया जिसमें बड़ी मात्रा में नकदी (काले धन) का प्रयोग हुआ है। बड़ी संख्या में "इकरारनामा" पाए गए हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इनसे पता चला है कि बेहिसाब नकदी के बदले जमीन पर कब्जा किया गया था। यहां किए गए निवेश और इससे प्राप्त हुई आय को पूरी तरह से कर दायरे से बाहर रखा गया था।
कुल मिलाकर 28 मार्च 2019 के तलाशी अभियान में श्रीनगर और उसके आसपास से 11 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब वित्तीय लेनदेन का खुलासा हुआ है और 19 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति में अघोषित निवेश का पता भी चला है। तलाशी अभियान में जिन लोगों का पता चला है उनमें से किसी भी व्यक्ति ने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। कर चोरी के साथ-साथ जानबूझकर कर नहीं चुकाने के लिए आपराधिक मुकदमा दायर किया जाएगा।
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