
मथुरा में संघ की बैठक में छाया रहा जीडीपी, जीएसटी और रोजगार का मामला
मथुरा में संघ की बैठक में छाया रहा जीडीपी, जीएसटी और रोजगार का मामलासकल घरेलू उत्पाद (गिरती जीडीपी) की स्थिति ने चौंकाया है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दिक्कतों को दूर करने और रोजगार सृजन के लिए संघ ने संदेश दिया है।मथुरा (जेएनएन)। केंद्र सरकार के लिए जीडीपी, जीएसटी और रोजगार चिंता का सबब बन गए हैं। आरएसएस की राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में कहा गया कि सरकार को इन पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। खासकर, ताजा रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद (गिरती जीडीपी) की स्थिति ने चौंकाया है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दिक्कतों को दूर करने और रोजगार सृजन के लिए संघ ने संदेश दिया है। संघ मोदी के कामकाज से खुश है, लेकिन कई मंत्री और सांसद उसकी कसौटी पर खरे नहीं हैं।शनिवार को बैठक में लंच से पहले दो सत्र हुए। आर्थिक मुद्दों पर चर्चा में संघ प्रतिनिधियों ने कहा कि जीडीपी का गिरता ग्र्राफ तुरंत रोका जाना चाहिए। जीएसटी की दिक्कतों से छोटे व्यापारियों में सरकार की गिरती साख की बात रखी गई। केंद्र सरकार की छवि को लेकर संघ पदाधिकारियों ने कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन फिर भी उनका इशारा इसी तरफ था। संघ पदाधिकारियों का कहना था कि नोटबंदी के बाद रोजगार की स्थिति ठीक नहीं है। संघ का कहना था कि इससे नवयुवकों में किसी तरह की असंतुष्टि का भाव पैदा न होने पाए।एक अन्य सत्र में विभिन्न राज्यों से जुड़े 39 संगठनों के संयोजक और महामंत्रियों में से कई ने अपने लोकसभा क्षेत्र में सांसद और मंत्रियों के कामकाज के अनुभवों को साझा किया। उनकी टीस दिखी कि सरकार के प्रतिनिधि अपेक्षा और वादों के मुताबिक काम नहीं कर रहे, इसका संदेश जनता में ठीक नहीं जा रहा। लिहाजा, समय रहते ड्रैमेज कंट्रोल जरूरी हो गया है। इस सत्र में यह बात भी सामने आई कि कुछ सांसद और मंत्री ऐसे हैं, जिनसे सरकार की साख प्रभावित हो रही है। कहा गया कि मोदी के कामकाज से इतर उनके कई मंत्रियों के कामकाज से लोग संतुष्ट नहीं हैं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।पहले सत्र की शुरुआत भाजपा महासचिव राम माधव के भाषण से हुई। करीब 27 मिनट का उनका संबोधन देश के आर्थिक हालात और रोजगार के अवसर मुहैया कराने पर केंद्रित रहा। बैठक में विचार आया कि अगर स्वदेशी को बढ़ावा देकर गांवों को आत्मनिर्भर बनाया जाए, तो विदेशी पैबंद नहीं लगाने पड़ेंगे। उम्मीद के मुताबिक रोजगार के अवसर सृजित न हो पाने पर सरकार से अपेक्षा की गई कि वह रोजगार सृजन के अवसर को लेकर सचेत रहेगी। संघ का संदेश कश्मीर में आए बदलाव और घाटी में रोजगार सृजन के साथ ही राम माधव ने वहां खुशहाली लौटने का भरोसा दिलाया। इसके अलावा देश की आंतरिक सुरक्षा के मसले भी उठे। संघ का मानना है कि आंतकी वारदातों को लेकर सरकार को सख्ती से काम करना चाहिए। जनता अब बहाने नहीं सुनेगीसंघ ने साफ कहा कि केंद्र से लेकर कई राज्यों में अपनी विचारधारा की सरकार है। लिहाजा, संगठन के प्रमुख मुद्दों पर काम न कर पाने का अब कोई बहाना जनता सुनना नहीं चाहेगी। By Ashish Mishra Let's block ads! (Why?)