कानपुर में भाजपा के 'फायरब्रांड नहीं, 'गांधी नजर अाये ब्रांड वरुण
कानपुर में भाजपा के 'फायरब्रांड नहीं, 'गांधी नजर अाये ब्रांड वरुणकभी भाजपा के फायरब्रांड नेता रहे सांसद वरुण गांधी यहां 'गांधी ब्रांड वरुण नजर आए। 'भारत निर्माण- एक रास्ता पर हुए उनके 'पावर शो ने सियासी समझदारों के बीच चर्चा छोड़ दी।जितेंद्र शर्मा, कानपुर । कहानी पर्दे के पीछे से चली, लेकिन संदेश तो मंच से आना ही था। कभी भाजपा के फायरब्रांड नेता रहे सांसद वरुण गांधी यहां 'गांधी ब्रांड वरुण नजर आए। 'भारत निर्माण- एक रास्ता पर मंथन के नाम पर हुए उनके 'पावर शो ने सियासी समझदारों के बीच चर्चा छोड़ दी है कि गांधी वंशज वरुण का यह नया रास्ता निकट भविष्य में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का री-लॉन्च या प्री-लॉन्च प्रोग्राम साबित होगा।लिबर्टी इमेज ऑफ न्यू सोसाइटी और युवा फॉर चेंज संस्था ने 'भारत निर्माण : एक रास्ता विषय पर शुक्रवार को लाजपत भवन में सेमिनार किया।यहां भाजपा नेताओं की सिरे से गैर हाजिरी और व्यवस्थाओं के लिए हांफते-दौड़ते दिखे दूसरे शहरों से आए युवा कांग्रेसी मनीषी तिवारी, हैदर अब्बास और आलिफ खान के अलावा कुछ स्थानीय कांग्रेसियों की चहलकदमी ने सोचने पर तभी से विवश कर दिया था। फिर भाजपा सांसद वरुण गांधी का परिचय फिरोज वरुण गांधी के रूप में कराने के साथ ही नेहरू-गांधी खानदान की वंशावली पढ़कर उसके साथ उनका नाम जोड़ा गया कि ये देश के लिए त्याग करने वाले मोतीलाल नेहरू, पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के परिवार से हैं।अगर इस सोच को हम दूसरों की सोच मानकर नजरअंदाज करना भी चाहते तो वरुण गांधी ने खुद ऐसा नहीं करने दिया। देश के मौजूद हालात पर पूर्व वक्ताओं द्वारा खींची गई लकीर को उन्होंने जारी रखा। उनकी जुबां पर एक बार भी न भाजपा आई, न भाजपा की नीतियां और ना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। हां, परेशान युवा, गरीबी, अव्यवस्था... सबकुछ उनके एजेंडे में था। श्रोताओं को यह भी याद दिलाया कि किस तरह तमिलनाडु के परेशान किसानों ने संसद के पास ही मूत्र पीया।कैसे सांसद और विधायक अपना वेतन बढ़वा रहे हैं, जबकि मैंने आज तक वेतन नहीं लिया। सारा पैसा आत्महत्या कर चुके किसानों के परिजनों के लिए भेज देता हूं। वरुण गांधी ने सांसद पसंद न आने पर राइट टू रीकॉल की आवाज बुलंद की। कई युवाओं के उदाहरण सुनाने के साथ ही कहा कि युवा क्रांति ला सकते हैं। वह मुझसे जुड़ें। उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट भी माइक से दिया। शब्दों की मर्यादा में केंद्र सरकार की योजनाओं पर बोले- कुछ योजनाएं अच्छी हैं, कुछ बहुत अच्छी और कुछ अच्छी नहीं हैं, लेकिन सभी लोगों को लाभ नहीं मिल पाता।मंच पर सियासी संतुलन भीसांसद वरुण गांधी आए तो युवाओं के कार्यक्रम में थे, लेकिन मंच ऐसा था जैसे बेहतरीन राजनीतिक संतुलन वाला हो। इस पर दलित नेता डॉ. अशोक भारती, शिक्षाविद् एकेटीयू के पूर्व कुलपति डॉ. आरके खांडाल, किसान शक्ति संघ के चौ. पुष्पेंद्र सिंह और वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री भी वरुण गांधी को अपने-अपने शब्दों में भविष्य का नेता और सर्वमान्य नेता साबित करने की कोशिश में दिखे। By Ashish Mishra Let's block ads! (Why?)