
गणतंत्र दिवस: भारत के 70वर्ष के इतिहास में पहली बार: राज्यपाल राजशेखरन ने खाली मैदान में पढ़ा भाषण
राज्यपाल के भाषण के दौरान समारोह में सिर्फ मंत्री, विधायक और अफसर मौजूद थे।
राज्यपाल राजशेखरन ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली।
कई संगठनों ने मिजोरम में गणतंत्र दिवस समारोह के बायकॉट के लिए मुहिम चलाई।
मिजोरम के गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं पहुंचा कोई आम नागरिक
राज्यपाल ने कहा- सरकार मिजोरम की सीमाओं की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही
आइजल: 70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मिजोरम के राज्यपाल कुम्मानम राजशेखरन के संबोधन में हर साल से कुछ अलग नजारा देखने को मिला। समारोह के दौरान मैदान करीब-करीब खाली था। संबोधन के वक्त कोई आम नागरिक मौजूद नहीं था। यहां सिर्फ राज्य के मंत्री, कुछ विधायक और आला अधिकारी ही बैठे हुए थे।
सिटिजनशिप बिल के विरोध में बायकॉट
दरअसल, मिजोरम में सिटिजनशिप बिल में संशोधन का विरोध हो रहा है। इसीलिए एनजीओ कॉर्डिनेशन कमेटी ने गणतंत्र दिवस समारोह के राज्य स्तरीय बायकॉट का ऐलान किया। मिजोरम के कई सामाजिक समूह और छात्र संगठन इस कमेटी में शामिल हैं।
राज्यपाल ने कहा. सीमाओं की सुरक्षा कड़ी की गई
राज्यपाल ने भाषण में कहा, "मिजोरम की सीमाओं की सुरक्षा की लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार जनता के कल्याण और विकास के लिए योजनाओं पर काम कर रही है। राज्य के लोगों की पहचान, संस्कृति और मूल्यों को बढ़ाने के लिए गांव-गांव में सिटीजन रजिस्ट्रेशन कराया गया। सरकार नागरिकों में भाईचारे की भावना को बढ़ा रही है।"
शराबबंदी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए मिजोरम शराब (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियमए 2014 को खत्म करने के लिए कदम उठाने की तैयारी में है। यह जनवरी, 2015 से राज्य में लागू है।
शांतिपूर्ण तरीके से मना गणतंत्र दिवस
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 26 जनवरी की वार्षिक परेड में इस बार 6 सैन्य टुकड़ियां शामिल हुईं। राज्य के अन्य जिला मुख्यालयों में मंत्रियों और आला अधिकारियों की अनुपस्थिति में डिप्टी कमिश्नरों ने ध्वजारोहण किया। कुछ जगहों पर लोग विरोध में तख्ती और बैनर लेकर खड़े देखे गए।
(साभार: मल्टीमीडिया)
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