
म्यांमार में 2,000 से अधिक घर जले, जान बचाकर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या मुस्लिम
म्यांमार में 2,000 से अधिक घर जले, जान बचाकर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या मुस्लिमबौद्ध बहुल म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। यहां कई सालों से रोहिंग्या और बौद्धों के बीच संघर्ष चल रहा है। कई हजार रोहिंग्या जान बचाकर बांग्लादेश भाग चुकॉक्स बाजार (रायटर्स)। म्यांमार के उत्तर पश्चिम स्थित रोहिंग्या बहुल इलाके में पिछले हफ्ते 2,600 से अधिक घर जलाए गए। सरकार ने शनिवार को बताया कि यह दशकों में मुस्लिम अल्पसंख्यक से जुड़े हिंसा मामलों में सबसे घातक है।संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचआरसी) के अनुसार, करीब 58,000 रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से जान बचाकर पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए। म्यांमार अधिकारियों ने अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (आरसा) पर घर जलाने का आरोप लगाया। ग्रुप ने दावा किया कि पिछले हफ्ते सुरक्षा चौकियों पर हुए हमले के कारण यह सब हुआ।बौद्ध बहुल म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। यहां कई सालों से रोहिंग्या और बौद्धों के बीच संघर्ष चल रहा है। कई हजार रोहिंग्या जान बचाकर बांग्लादेश भाग चुके हैं। रोहिंग्या लोग म्यांमार सरकार पर नस्लीय हिंसा का आरोप लगाते रहे हैं।बौद्ध बहुल म्यांमार की करीब 1.1 मिलियन रोहिंग्या समुदाय आंग सान सू की के लिए काफी बड़ी चुनौती है।म्यांमार का कहना है कि कोतांकुक, माइनलुट और काइकानपिन गांवों के कुल 2,625 घरों को आरसा ने जला दिया है। म्यांमार सरकार द्वारा आरसा समूह को आतंकी घोषित कर दिया गया है लेकिन न्यूयार्क की ह्यूमन राइट्स वॉच ने इमेजरी सैटेलाइट शोज के जरिए पूरे मामले को देखते हुए कहा म्यांमार के सिक्योरिटी फोर्सेज ने जान बूझकर आग लगायी है।म्यांमार और बांग्लादेश को अलग करने वाली नाफ नदी के पास पहुंचने वाले रिफ्यूजी साथ में बोरियों में अपना सामान लेकर आए हैं वे वहीं पर झुग्गी बना रहे हैं या फिर स्थानीय निवासियों के घर में पनाह ले रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार में नागरिकता से इंकार कर दिया गया और अवैध प्रवासी करार दिया गया। जबकि उन्होंने दावा किया था कि उनके पूर्वज यहीं के थे।काइकानपाइन से चलकर करीब एक हफ्ते बाद शुक्रवार को बांग्लादेश पहुंचे 3000 रोहिंग्या मुसलमानों के एक समूह में 60 वर्षीय जलाल अहमद ने बताया कि रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार से भगाया जा रहा है। जलाल ने कहा, ‘200 लोगों के साथ सेना गांव में आयी और फायरिंग शुरू कर दिया। गांव में सभी घरों को पहले ही ध्वस्त कर दिया गया था। यदि हम वापस वहां जाएंगे तो उनकी सेना हमें देख लेगी और मार देगी।‘यह भी पढ़ें: रोहिंग्या विद्रोहियों से निपटने में मदद को तैयार बांग्लादेशBy Monika minal Let's block ads! (Why?)