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रघु ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल विदेश मंत्री से मिला
द• अफ्रीका के घाना वि•वि• से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाने के मामले में रघु ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल विदेश मंत्री से मिला और ज्ञापन सौंपा
नई-दिल्ली: आज प्रातः लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल, विदेश मंत्री- वी के सिंह से उनके निवास पर जाकर भेंट की तथा उन्हें ज्ञापन देकर उनसे अनुरोध किया कि, " वे दक्षिण अफ्रीका के भारतीय दूतावास के अधिकारियों को निर्देशित करें कि घाना विश्व विद्यालय के छात्र प्रतिनिधियों से वार्ता आयोजित करायें ताकि महात्मा गांधी के बारे में उनकी गलतफहमी दूर की जा सके।"
प्रतिनिधि मंडल में लोसपा के राष्ट्रीय संरक्षक- रघुठाकुर के साथ राज्य सभा सांसद- संजय सिंह, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट- नेहरा, राजेंद्र वर्मा, अजीत त्यागी आदि शामिल थे।
विदेश मंत्री- वीके सिंह ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है कि वे इस बाबत उचित पहल करेंगे।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर ने पहले भी बताया था तथा लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्णय के अनुसार भारत सरकार से कहा था कि, "दक्षिण अफ्रीकी देश घाना में पिछले दिनों पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी ने महात्मा गांधी जी प्रतिमा का घाना विश्वविद्यालय में अनावरण किया था परंतु बाद में छात्रों के विरोध के आधार पर विश्व विद्यालय प्रांगण से विश्वविद्यालय ने महात्मा गांधी प्रतिमा का हटाने का निर्णय लिया है छात्रों के विरोध का आधार यह बताया जाता है कि श्रीमती अरुंधति राय की पुस्तक के आधार पर छात्रों में महात्मा गांधी को नस्ल भेदी माना और उनकी मूर्ति को हटाने का अभियान चलाया यह महात्मा गांधी का अपमान मात्र नहीं है बल्कि समूचे देश और दुनिया की मानवता का अपमान है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला अपने आप को गांधी का अनुयाई मानते थे और गांधी का चित्र रखते थे अमेरिका के रंग विरोधी आंदोलन के नेता स्वर्गीय मार्टिन लूथर जो अश्वेत थे गांधी को अपना आदर्श मानते थे।"
श्री ठाकुर ने कहा था कि, "भारत सरकार का यह दायित्व था कि सरकार अपने दूतावास के माध्यम से छात्रों से संपर्क करती और उन्हें तथ्यो़ से अवगत कराती पर ऐसा लगता है कि भारत सरकार अपने दायित्वों से विमुख रही है आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपने पक्ष रखने को दुनिया में नहीं हैं और इसीलिए हम सब भारतीयों का दायित्व है कि हम सब उनके साथ खड़े हो। पार्टी भारत सरकार से अपील करती है कि सरकार घाना के भारतीय दूतावास से कहे कि वे छात्रों से संपर्क करें और भारत के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता कराएं ताकि मिथ्या आरोपों की कालिमां महात्मा गांधी के ऊपर से हट सके।" इसी क्रम में शुक्रवार 4 जनवरी को जीपीएफ में आयोजित बैठक में यह तय हुआ कि, "विदेशमंत्री को ज्ञापन देकर उनसे हस्तक्षेप को कहा जाय।
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