श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी ने मध्यावधि चुनाव कराने से किया इनकार
कोलंबो: श्रीलंका की सत्तारूढ़ यूएनपी ने साफ कर दिया है कि उनकी मध्यावधि चुनाव कराने की कोई मंशा नहीं है। इसके साथ ही कई सप्ताह से चल रही अटकलों पर विराम लग गया है कि सरकार अपना कार्यकाल खत्म करने से पहले संसद भंग कर सकती है।
यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के प्रवक्ता अजीत पी. परेरा ने कहा कि फरवरी 2020 से पहले कोई संसदीय चुनाव नहीं होगा। साल 2020 में राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना विधानसभा भंग कर सकते हैं।
परेरा ने कहा, "हम यह स्पष्ट कर दें कि यूएनपी ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले संसद भंग करने की कोई इच्छा नहीं जताई है।"
यह फैसला पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नए राजनीतिक दल एसएलपीपी की उम्मीदों के विपरीत है।
सरकार में मंत्री मानो गणेशन ने बताया कि आम चुनाव 2020 में कराने का फैसला गत रात को उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति अगर चाहे तो राष्ट्रपति चुनाव जल्दी करा सकते है लेकिन अन्य सभी चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे।"
(साभार- मल्टीमीडिया)
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