विशेष: लहू बोलता भी है: जंगे आजादी ए हिन्द के एक और मुस्लिम किरदार- मौलाना अब्दुल हसन ताज मोहम्मद
आइये जानते हैं:
जंगे आजादी ए हिन्द के एक और मुस्लिम किरदार-
मौलाना अब्दुल हसन ताज मोहम्मद को...
मौलाना अब्दुल हसन ताज मोहम्मद मौजा अमरदह (सीखर) के रहनेवाले थे। क़ाबलियत और सलाहियत की वजह से आप आस-पास के एतराफ़ में काफी मशहूर थे।
आपकी दीनी ख़िदमात की वजह से लाखों की तादात में लोग आपके मुरीद थे। खुद शेखु-उल-हिन्द आपके यहां मुलाक़ात और तहरीक की तवसीह के लिए तशरीफ लाये।
आप शेखु-उल-हिन्द से मिलने के बाद तहरीके.आज़ादी के मिशन में शामिल होने पर राज़ी हुए। तहरीक में आपके शामिल होने के बाद इलाके की अवाम भी जंगे-आज़ादी की मुहिम से जुड़ी। नतीजतन सिंध सूबे में सीखर एक बड़ा मरक़ज बन गया।
जब इसकी खबर अंग्रेज़ी हुकूमत को हुई, तो हुकूमत ने फौरी तौर पर मौलाना अब्दुल हसन साहब को गिरफ्तार कर लिया।
लेकिन किसी तरह का सबूत नहीं मिलने और अवाम में नाराज़गी को देखते हुए जल्द ही आपको रिहा कर दिया गया।
जेल से वापस आकर आपने ख़िलाफ़त तहरीक को मज़बूती से चलाया, सो तहरीक बहुत कामयाब हुई।
दौराने खि़लाफ़त तहरीक आपका इंतकाल हो गया।
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