
50 की उम्र पार कर चुके सरकारी सेवकों की छुट्टी को सक्रियता बढ़ी
50 की उम्र पार कर चुके सरकारी सेवकों की छुट्टी को सक्रियता बढ़ीउन्होंने प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष उपलब्धियों सहित आख्या भी मांगी।लखनऊ (जेएनएन)। शासन ने राज्य की सेवाओं में लंबे समय से रिक्त पड़े पदों को पदोन्नति से भरने की पहल की है। दूसरी तरफ 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके सरकारी सेवकों की छुट्टी के लिए भी सक्रियता बढ़ गई है। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि दागी और भ्रष्टाचारी सरकारी सेवकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति में देरी न हो।शुक्रवार को योजना भवन में मुख्य सचिव राजीव कुमार साप्ताहिक बैठक में खास बिंदुओं पर अफसरों से विमर्श कर रहे थे। उन्होंने विभागीय स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति संबंधी प्रकरणों में की गई कार्रवाई और लंबित प्रकरणों का भी ब्यौरा तलब किया था। ध्यान रहे कि कई जांच एजेंसियों ने दागी अफसरों के खिलाफ अभियोजन की संस्तुति शासन से मांगी है लेकिन, वर्षों से फाइलें धूल फांक रही हैं। उन्होंने विभागीय स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई पर भी चर्चा की।तीन अगस्त को मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों को सर्कुलर जारी कर 2017-18 में पदोन्नति के माध्यम से भरी जाने वाली सभी रिक्तियों की गणना कर एक माह के भीतर पदोन्नति की कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों से इसका ब्योरा मांगा और रिक्त पदों को भरने के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष उपलब्धियों सहित आख्या भी मांगी। उन्होंने नोडल अधिकारी बनाए गए अफसरों को जिलों में भ्रमण कर मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट तलब की है। पेपरलेस होंगे सभी विभाग मुख्य सचिव ने सभी विभागों के ई-आफिस प्रणाली पर जोर दिया है। अब सभी विभाग पेपरलेस किए जा रहे हैं। उन्होंने डिसीजन मेकिंग प्रोसेस मैप करने के लिए विभाग के आफिस और अधिकारियों का पूरा ब्यौरा भी लिया। ई-प्रोक्योरमेंट की व्यवस्था के संदर्भ में भी उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली। By Ashish Mishra Let's block ads! (Why?)