महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर राष्ट्रपति- रामनाथ कोविंद का संबोधन
महात्मा गाँधी का सम्बन्ध पूरी दुनिया में
नई-दिल्ली: महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर राष्ट्रपति- रामनाथ कोविंद ने कहा कि, "परमअट्टा की यात्रा पर मुझे बेहद खुशी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करना मेरे लिए गौरव की बात है। अपने देश में महात्मा गांधी को सम्मान देने के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ। मैं यहां प्रधानमंत्री मौरीसन की उपस्थिति के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
इस पहल का विशेष अर्थ है। दुनियाभर में महात्मा गांधी की विरासत और उनके संदेशों को फैलाने के लिए भारत सरकार ने एक महीना पूर्व उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर दो वर्ष लंबे कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरूआत की है।
महात्मा गांधी का संबंध न सिर्फ भारत से बल्कि पूरी दुनिया से था। उनकी शिक्षाओँ की चारों तरफ विशेष गूंज है। विवादों के इस दौर में, उनके अहिंसा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के शक्तिशाली संदेश और अधिक प्रासंगिक हो गए।
उनका प्रिय भजन "वैष्णव जन तो तेने कहिए" का सार करुणा, दयालुता और अन्य लोगों की भलाई है।
यह महात्मा की अंतरात्मा की आवाज़ है। मैं आपकी मधुर गायिका हैथर ली द्वारा हमारे राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि के रूप में अपनी आवाज देने के लिए धन्यवाद देता हूँ।
महात्मा गांधी के विचारों और मूल्यों में गहराई और ताकत थी। गांधीवादी विचार और ऑस्ट्रेलियाई शैली के बीच विशेष संपर्क है। महात्मा गांधी ने हमेशा पर्यावरण और प्रकृति के हितों की वकालत की। उनके मन में वनों, नदियों और हमारे प्राकृतिक वासों के लिए गहरा सम्मान था।
गांधीजी और ऑस्ट्रेलियाई समाज एक तार से बंधे हैं। आपकी तरह उनके मन में बहु.सांस्कृतिक चरित्र के लिए गहरा आदर था।
परमअट्टा शहरी परिषद की पहल पर आज प्रतिमा का अनावरण हो रहा है जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक बंधन का प्रतीक है।
मुझे उम्मीद है कि दोनों देश, जिनकी बहुत सी चीजें मिलती.जुलती है। वह काफी कुछ हासिल कर सकता है।
इस अवसर पर मैं खासतौर से भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी से प्रसन्न हूँ। वे अपने नए घर और अपने पूर्वजों की भूमि के बीच जीवंत सेतु के रूप में कार्य कर रहे हैं। गांधीजी स्वयं प्रवासी थे। वह भारत लौटने से पहले 21 वर्ष दक्षिण अफ्रीका में रहे और हमारा इतिहास बदलते रहे।
मुझे खुशी है की हजारों कठोर परिश्रमी प्रवासी भारतीयों व्यवसायियों और उद्यमियों ने इस खूबसूरत देश के निर्माण में योगदान दिया है। मैं उन सभी को और सभी ऑस्ट्रेलियाई जनता को भारत की जनता की शुभकामनाएं और प्यार देता हूँ।
हम सभी संकल्प लें कि हम महात्मा गांधी के जीवन और उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेंगे और मानवता के स्थायी लाभ के लिए कार्य करेंगे। मैं एक बार फिर लॉर्ड मेयर और इस पहल में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद देता हूँ।"
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