मथुरा मे प्रदूषण से मरीं हजारों मछलियां
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना नदी के तट पर मृत मछलियां मिली हैं।
माना जा रहा है कि नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से यह हादसा हुआ है। पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ताओं और स्थानीय प्रशासन ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार से ही हजारों मरी हुई मछलियां दिख रही हैं। एक कार्यकर्ता ने बताया कि जब वह सुबह घाट पर नहाने के लिए गया तो उसने यह दृश्य देखा।
मथुरा जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि पहले दिन से ही यह घटना अधिकारियों के संज्ञान में है और जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिये गये हैं कि वह नदी के पानी का नमूना एकत्र करें।
यह घटना अधिकारियों की चिंता का सबब इसलिए बनी हुई है क्योंकि नौ नवम्बर को यम द्वितीय पर्व है और इस पवित्र दिन कई लोग घाटों में डुबकी लगाते हैं।
मथुरा के अधिकारीगण इसका दोष हरियाणा से नालों और नहरों से बहकर आये जहरीले पदार्थों पर मढ़ रहे है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव सिंचाई हरियाणा में अपने समकक्ष के साथ संपर्क में है ताकि इस पर लगाम लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि हरियाणा सिंचाई विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि कैसे विषाक्त तत्व यमुना नदी में पहुंच गये।
इस बीच निकटवर्ती जिले आगरा में रविवार को पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मुगल दरबार में मनसबदार एत्माद्उद्दौला के मकबरे के सामने से यमुना नदी की बड़े पैमाने पर सफाई का काम शुरु किया। इस मकबरे को बेबी ताज भी कहा जाता है।
पर्यावरणविद् देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि लक्ष्य बहुत बड़ा है लेकिन नागरिकों को इसकी पहल करनी होगी। हम इस बात की अनंत काल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते कि सरकारी एजेंसियां हमारे जलस्रोतों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कदम उठायेंगी।
पर्यावरण के एक अन्य जानकार ने कहा दीपावली से पहले लोग घर साफ करते हैं और सारा कचरा यमुना नदी में फेंक देते हैं। इसे रोकना ही होगा।
मथुराधीश मंदिर के महंत गोस्वामी नंदन श्रोत्रिय ने कहा कि नदी की सफाई में छात्र समूहों को शामिल होना चाहिये। यमुना नदी केवल शहर की जीवन रेखा नहीं हैं अपितु समूचा पर्यटन उद्योग इसके तटों पर बने स्मारकों पर निर्भर है।
(साभार. भाषा)
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