छोटी इकाइयों को मोदी का दिवाली तोहफा - 59 मिनट में मिलेगा एक करोड़ तक का कर्ज
नई-दिल्ली, 2 नवम्बर: देश में सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने वाले दूसरे सबसे बड़े क्षेत्र सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के मौके पर कई सुविधाओं का तोहफा दिया है। क्षेत्र की इकाइयों को मात्र 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक कर्ज उपलब्ध कराने के लिये आनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है।
इसके साथ ही इन इकाइयों को कर्ज पर बयाज सहायता, श्रम एवं कंपनी कानून में छूट और इनके लिये पर्यावरण नियमों के अनुपालन को आसान बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने इन कदमों को ऐतिहासिक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत एमएसएमई इकाइयां अब नई पोर्टल सुविधा के माध्यम से सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक का ऋण हासिल कर सकती हैं। पोर्टल का वेब एड्रेस____
www.psbloanin59min.com है।
उन्होंने जीएसटी के तहत पंजीकृत एमएसएमई इकाइयों को एक करोड़ रूपये की सीमा के भीतर अतिरिक्त कर्ज पर ब्याज दर में 2 प्रतिशत की ब्याज सहायता दिए जाने की भी घोषणा की।
इस क्षेत्र के निर्यातकों के लिए प्रधानमंत्री ने निर्यात से पहले और बाद की जरुरत के लिये मिलने वाले कर्ज पर ब्याज सहायता को तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की भी घोषणा की।
इस क्षेत्र की इकाइयों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाने के लिये प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि इंस्पेटक्टर किस फैक्ट्री में निरीक्षण के लिए जाएगा, यह कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के माध्यम से तय होगा। इसके साथ ही जांच करने वाले अधिकारी को 48 घंटे के भीतर अपनी रपट आन लाइन पोर्टल पर डालनी होगी। अब कोई इंस्पेक्टर (निरीक्षक) ऐसे ही कहीं नहीं जा सकेगा। उससे फैक्टरी में जाने का कारण बताना होगा।
पर्यावरण नियमों के अनुपालन को आसान बनाने के बारे में मोदी ने कहा कि कारखाना स्थापित करने के लिये सिर्फ एक पर्यावरणीय मंजूरी की जरूरत होगी और पानी एवं हवा की मंजूरी को एक किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई इकाइयों को आठ श्रम कानूनों और 10 केंद्रीय नियमों के संबंध में सिर्फ एक वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा। इसके अलावा, कंपनी अधिनियम के तहत मामूली अपराधों में दंड को सरल बनाने के लिये एक अध्यादेश जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री ने छोटे एवं मझोले उद्यमों को बढ़ावा देने के लिये कुल 12 फैसलों का उल्लेख करते हुए इन्हें "ऐतिहासिक फैसला" करार दिया है।
उन्होंने कहा कि ये फैसले एमएसएमई क्षेत्र और इसमें काम करने वाले उद्यमियों तथा कर्मचारियों की दीपावली को खुशियों से भर देंगे।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई से सार्वजनिक कंपनियों के लिये अनिवार्य खरीद को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है। साथ ही सरकारी कंपनियों को अपनी कम से कम तीन प्रतिशत खरीद महिलाओं द्वारा चलायी जा रही एमएसएमई इकाइयों से करनी होगी।
इसके अलावा सभी सार्वजनिक कंपनियों को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) की सदस्यता लेनी होगी।
प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिये प्रधानमंत्री ने 20 केंद्र और 100 उपकरण केंद्र स्थापित करने के लिये 6,000 करोड़ रुपये की पूंजी की घोषणा की है।
एमएसएमई क्षेत्र की फार्मा कंपनियों को कारोबार करने में आसानी हो और वो सीधे ग्राहकों तक पहुंच पाएं, इसके लिए क्लस्टर बनाने का फैसला लिया गया है।
जिन कंपनियों का कारोबार 500 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें ट्रेड रिसीवेबल डिस्काउंटिंग प्रणाली (टीआरईडीएस) यानी रसीद को गिरवी रखकर पूंजी लेने की व्यवस्था प्लेटफॉर्म पर लाना जरूरी किया गया है, ताकि एमएसएमई इकाइयों को नकदी की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।
मोदी ने कारोबार सुगमता रैंकिंग में 23 अंक की छलांग पर कहा कि उनकी सरकार ने चार साल में जो हासिल किया उसकी बहुत से लोगों को कल्पना नहीं रही होगी। इस दौरान भारत ने जो हासिल किया वह दुनिया के किसी भी देश ने हासिल नहीं किया है। कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 2014 में 142वें स्थान पर था और चार साल में ऊंची छलांग लगाकर 77वें पायदान पर पहुंच गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में शीर्ष-50 में भारत को जगह मिलना अब ज्यादा दूर नहीं है।
उन्होंने कहा कि नियम और प्रकियाओं में सुधार से छोटे एवं मझोले उद्यमों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने लघु एवं मध्यम उद्यमों को लाभ देने के लिये विभिन्न कदम उठाये हैं। सरकार की मुद्रा योजना से 13 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है। साथ ही नौकरियां सृजित करने में भी मदद मिली है।
ऋण पोर्टल को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि पोर्टल के माध्यम से 72,000 ऋण आवेदनों को मंजूरी दी गयी है।
एमएसएमई मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि 6.5 करोड़ छोटी इकाइयां है जो कि करीब 12 करोड़ लोगों को रोजगार देती हैं। सार्वजनिक कंपनियों के लिए खरीद अनिवार्य नियम को बढ़ाने से करीब 90,000 छोटे एवं मझोले उद्यमों को फायदा होगा।
(साभार: भाषा)
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