भारतवंशी 'लड़की' ने अमेरिकी स्कूल पर भेदभाव का केस किया
भारतवंशी 'लड़की' ने अमेरिकी स्कूल पर भेदभाव का केस कियावाशिंगटन, प्रेट्र। एक आठ वर्षीय भारतवंशी ट्रांसजेंडर 'लड़की' और उसके परिवार ने अमेरिका के एक स्कूल पर मुकदमा दायर किया है। आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने उनकी बेटी को जबरदस्ती लड़के की यूनिफार्म (वर्दी) पहनने को मजबूर और उसके चुने हुए नाम से बुलाने से इन्कार किया है। मीडिया रिपोर्टो में यह कहा गया है।लास एंजिलिस टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिया शाह और जसप्रीत बरार ने कैलिफोर्निया स्थित हेरिटेज ओक प्राइवेट एजुकेशन और उसकी मूल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। प्रिया और जसप्रीत का आरोप है कि स्कूल ने उनकी बेटी को उसके वास्तविक नाम निक्की बरार से पुकारने से इन्कार कर दिया है। यह मुकदमा पिछले सप्ताह आरेंज काउंटी सुपीरियर कोर्ट में दायर किया गया है। आरोप है कि कैलिफोर्निया के योरबा लिंडा स्थित हेरिटेज ओक प्राइवेट एजुकेशन निक्की को उसकी यूनिफार्म नहीं पहनने देता। वह जो शौचालय प्रयोग करना चाहती है, वह नहीं करने देता। वे उसे लड़की नहीं मानते हैं।रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि स्कूल ने कैलिफोर्निया के कानून उनरुह सिविल राइट्स एक्ट का उल्लंघन किया है। इस कानून में यौन व लैंगिक अनुकूलन के आधार पर भेदभाव करने पर पूर्णतया रोक है।पब्लिक काउंसल नामक लॉ फर्म की विज्ञप्ति में कहा गया है, 'जब स्कूल के वयस्क यह सोचते हैं कि वे यह निर्देश दे सकते हैं कि एक बच्चा किस नाम से जाना जाए और उसको लड़कों की यूनिफार्म पहनने को कहते हैं, तो यह गलत है। और हेरिटेज ओक में यह हुआ है।' लॉ फर्म के मार्क रोजनबाम ने बताया, 'एक समाज कम से कम एक स्कूल के रूप में, अपने छात्रों में से किसी एक की पहचान को अस्वीकार करने की मांग करने के इस तरह के भेदभाव को हम स्वीकार नहीं कर सकते।'By Gunateet Ojha Let's block ads! (Why?)