
कर्मचारी नेताओं ने दिया धोखा! पेंशन योजना की समीक्षा के लिए समिति गठन पर हड़ताल स्थगित
पेंशन योजना की समीक्षा के लिए केवल समिति गठित करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित कर दी गई।...
लखनऊ: कर्मचारी नेताओं ने आंदोलन तो इस शर्त पर खड़ा किया था कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली से कम पर किसी भी सूरत में वह हड़ताल वापस नहीं लेंगे लेकिन, अचानक बैकफुट पर आए संगठनों के पदाधिकारियों ने पूरे मामले की समीक्षा के लिए केवल समिति गठित करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर ही हड़ताल स्थगित कर दी।
गुरुवार से प्रस्तावित तीन दिन की हड़ताल के लिए प्रदेश के सभी जिलों में कई हफ्तों से तैयारी में जुटे कर्मचारियों में इसे लेकर जबर्दस्त नाराजगी थी।
बुधवार सुबह मुख्यमंत्री के साथ कर्मचारी नेताओं की बैठक में तय हुआ कि पेंशन योजना की समीक्षा के लिए समिति गठित की जाएगी, जो दो महीने में रिपोर्ट देगी।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग पर प्रस्तावित हड़ताल रोकने के लिए कई दिनों से मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के स्तर पर वार्ता विफल होने के बाद बुधवार सुबह आठ बजे ही मुख्यमंत्री ने कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया था। शासन ने बीती रात ही कार्मिक विभाग और पेंशन निदेशालय से पुरानी पेंशन बहाली की समीक्षा के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव तैयार करा लिया था।
सूत्रों के मुताबिक बीते दो दिनों से कर्मचारी नेता भी इसके लिए प्रयासरत थे।
मुख्यमंत्री ने समिति गठन का प्रस्ताव कर्मचारी नेताओं के सामने रखा, जिसे मंच के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने स्वीकार कर लिया। बैठक में तय हुआ कि यह समिति नई पेंशन योजना के तहत मिलने वाले लाभ की अनिश्चितता और पुरानी पेंशन योजना की तरह लाभ दिए जाने को लेकर समीक्षा करेगी।
पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी व अध्यक्ष डॉ.दिनेश चंद शर्मा ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद दावा किया कि दो महीने में समिति के सकारात्मक परिणाम न आए तो हड़ताल की जाएगी।
समिति में कौन होगा
अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति में पेंशन निदेशक को सदस्य सचिव और अपर मुख्य सचिव नियोजन, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव न्याय व पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
प्राधिकरण के प्रतिनिधि को सदस्य बनाने के लिए मुख्य सचिव ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को पत्र भेजा है। कर्मचारियों की ओर से हरिकिशोर तिवारी व डॉ.दिनेश चंद शर्मा को समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
कर्मचारियों में नाराजगी
मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद कर्मचारी नेताओं ने जहां अपनी बैठक में सरकार के झुकने का दावा किया तो वहीं यह आवाज भी उठी कि स्पष्ट निर्णय करने की बजाय सरकार ने छोटा कदम उठाकर बड़ा आंदोलन खत्म कर दिया।
कर्मचारियों का बड़ा समूह सरकार द्वारा गठित समिति की संस्तुतियों को अनिश्चित मान रहा था। उधर सचिवालय में आम सभा के दौरान भी कई अधिकारियों ने कर्मचारी संगठनों के अचानक बदले रुख पर नाराजगी जताई और कहा कि नेेताओं ने धोखा दिया है।
चर्चा यह भी रही कि जो कर्मचारी नेता तीन दिन पहले तक हड़ताल की हुंकार भर रहे थे, वह दो दिन पहले अचानक खुद सरकार से वार्ता करने और हड़ताल से बचने का रास्ता तलाशने के प्रयास में जुट गए थे। कारण स्पष्ट नहीं मिल सका है।
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