विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने नगर निगम में OSD पद पर किया ज्वाइन: CBI जाँच की याचिका खारिज
- चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी ने यह कहते हुए कि मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी शिक्षित हैं, सीबीआइ जांच की याचिका खारिज की.
लखनऊ: 12 अक्टूूूबर को जहाँ एक तरफ एपल के एरिया सेल्स मैनेजर स्वर्गीय विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने शुक्रवार को नगर निगम लखनऊ में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर वेतनमान 56100-177500 रु में जॉइनिंग ले लीं और कुछ देर बाद अपने दिवंगत पति की तेरहवीं के लिए घर लौट गयीं, वहीं दूसरी तरफ हाई कोर्ट ने सीबीआइ जांच की याचिका खारिज कर दी।
ज्ञातब्य हो कि कल्पना तिवारी को उनके स्वर्गीय पति विवेक की तेरहवीं पर मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन तथा महापौर संयुक्ता भाटिया ने उनके आवास पर नियुक्ति पत्र प्रदान किया था।
विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी को नगर निगम लखनऊ में विशेषकार्याधिकारी (ओएसडी) बनाया गया है।
नगर आयुक्त डॉ.इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्पना तिवारी को नगर निगम में नौकरी देने की घोषणा की थी।
नगर निगम, लखनऊ ने रिक्त पद प्रधान लिपिक या जनसंपर्क अधिकारी का प्रस्ताव शासन को भेजा था।
शासन ने ओएसडी पद का सृजन करते हुए उनकी तैनाती कर दी।
लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में जांच जारी है।
विवेक तिवारी की तेरहवीं में उनके घर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी पहुँचे थे।
जैसा कि लखनऊ में विवेक तिवारी की 28 सितंबर को गोली मारकर हत्या की गई थी। उनकी हत्या के मामले में सिपाही प्रशांत चौधरी व संदीप कुमार को 29 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
सीबीआइ जांच की याचिका खारिज
पिछले दिनों सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर कल दायर की गई जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। विवेक तिवारी की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर शमशेर यादव जगराना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि एसआईटी जांच में भी यूपी पुलिस के ही सदस्य शामिल हैं, ऐसे में जांच को प्रभावित किया जा सकता है। इस कारण मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। इस पर अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया। उन्होंने तर्क रखा कि सरकार ने मामले में त्वरित कार्रवाई की है। मामले की निष्पक्ष जांच चल रही है, इसलिए इसकी सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी ने कहा कि मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी शिक्षित हैं। वह स्वयं अपना पक्ष रख सकती हैं। याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं बनता है। याचिका खारिज की जाती है।
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