
उत्तर रेलवे के भ्रष्ट DRM- सतीश कुमार...!
लखनऊ: उत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल के अंतर्गत रेल सेवा से निवृत्त हो चुके रेल कर्मियों के हितों एवं कल्याण को द्रष्टिगत रखते हुए लखनऊ मण्डल द्वारा मात्र एक सप्ताह पहले दि: 07.09.2018 को मण्डल कार्यालय में प्रातः 11:00 बजे से “रेल पेंशनर्स सुविधा समारोह” का आयोजन किया गया था।
लेकिन रेेल सेेवा से निवृत्त हो चुके रेल कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने मेें DRM-NR-LKO- सतीश कुमार पूूरी तरह लाचार और भ्रष्ट नजर आ रहेे हैं।
DRM- सतीश कुमार झूठी लोकप्रियता के लिए मशहूर हैं और अपने आकाओं को खुश करने या धोखा देने मेें माहिर हैैं। ये मालगाड़ी की सहायक लोको पायलट को महिला दिवस पर लखनऊ-इलाहाबाद इण्टर सिटी एक्सप्रेस के ड्राइवर के रूप में प्रस्तुत कराकर मीडिया के माध्यम से खूब वाहवाही लूट चुके हैं।
यह कहना है लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उ• प्र•) व रेल सेवक संघ के महामंत्री- सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव का।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, सतीश कुमार भ्रष्टाचार में आकंठ डूूबे प्रतीत हो रहे हैैं क्योंकि वे भ्रष्टाचारियों के हाथ की कठपुतली बन चुुके हैं। इनके कार्यकाल में भी ईमानदार रेल कर्मचारियो को नियम बिरूद्ध तरीके से स्थानांतरित कर तथा अन्य तरीकों से व रिटायर होने के उपरान्त सेटलमेन्ट रोककर प्रताड़ित किया जाता है तथा भ्रष्टाचार में सहभागी कर्मचारियों के बच्चों की फर्जी तरीके से सफाईवाला आदि पदोंं पर भर्ती कर स्टेशन मास्टर आदि पदों पर पदोन्नति देकर पुरस्कृत किया जाता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने DRM के ट्वीट के जवाब में ट्वीट किया कि,
"सतीश कुमार,
यह ड्रामा बन्द करो।
सेटलमेन्ट, पर्सनल, इंजीनियरिंग, कामर्शियल आदि ब्रांच में किए गए फर्जी भर्ती व अन्य भ्रष्टाचारियों को बचाने में सहभागिता कर रहे हो।
उदारणार्थ ईमानदार रिटा• रेलवे इंजीनियर- R.R.Kanaujia का पिछले 7वर्षों से अकारण सेटलमेन्ट रोक कर प्रताड़ित करने में सहभागी हो।"
DRM- सतीश कुमार से जब हमारे संवाददाता ने इस पर प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया।
क्या DRM- सतीश कुमार रिटायर्ड रेलवे इंजीनियर- आर• आर• कनौजिया के पिछले सात वर्षों से रोके गये सेटलमेन्ट का भुगतान कराने मे सफल होंगे या रेलवे बोर्ड/ रेल मन्त्रालय इन आरोपों की जांच करके भ्रष्टाचार को रोकने मेें सफल होगा।
रिटायर्ड कर्मचारियों के सेटलमेन्ट भुगतान के सम्बन्ध में सर्वोच्च न्यायालय ने भी ब्यवस्था दी है कि, "किसी भी कर्मचारी का सेटलमेन्ट रोकना मानवाधिकार का हनन है।"
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