
इंजीनियर्स डे: उ• रे• पुल कारखाना जलंधर छावनी ने देश के सबसे बड़े इंजीनियर को कुछ यूँ किया याद
जालंधर (पंजाब): इंजीनियर्स-डे को उत्तर रेलवे के सबसे बड़े पुल कारखाना- जालंधर छावनी के इंजीनियर्स नेे एक नये आयाम मेें मनाया गया और भारत के सबसे बड़े इंजीनियर- भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवशर पर समारोह के मुख्य अतिथि- उप मुख्य पुल इन्जीनियर- इं• चरणजीत सिंह ने "इंजीनियर्स-डे" क्यों मनाया जाता है, विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि, 15 सितम्बर 1860 को जन्मे सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया "काम को ही पूजा" समझते थे और चीफ इंजीनियर की भूमिका में कर्नाटक के मंडया जिले में कृष्ण सागा बाँध का निर्माण कराया था तथा साथ ही बहुत सी सिंचाई परियोजनाओं को संचालित किया था जिसके कारण उन्हें विश्व भर में उन्हें सराहना मिली। इसके बाद सन् 1955 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्हें किंग जार्ज पंचम द्वारा ब्रिटिश इंडियन एम्पायर की उपाधि भी दी गई थी। उनके सम्मान में उनके जन्म दिवस को देश भर में "इंजीनियर्स-डे" के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने उ• रे• पुल कारखाना जालंधर छावनी के इं• लखवन्त सिंह, इं• मिलन्द कुमार व अन्य प्रतिभावान इंजीनियर्स को उनके विशेष योगदान के लिए स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
समारोह में इंजीनियर रमेश थापर, इं• रामपाल और इं• परमजीत सिंह को गेस्ट आफ आनर से सम्मानित किया गया।
समारोह के संयोजक- इं• लखवन्त सिंह थे।
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