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स्वतंत्र भारत में साठ के दसक में अंग्रेजी हटाओ-हिन्दी लाओ आन्दोलन का सूत्रपात डाक्टर लोहिया ने किया था: रघु ठाकुर
नई-दिल्ली: आज हिन्दी दिवस पर विख्यात समाजवादी चिंतक व विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर ने कहा कि "हिन्दी दिवस" आता है - जाता है। कई सरकारी कार्यालयों में हिन्दी के पक्ष में लेखपट टँग जाते हैं परन्तु अन्दर अंग्रेजी ही चलती है। जितना बड़ा अफसर उतनी ज्यादा अंग्रेजी। संभ्ररांत व सुशिक्षत घरों में माँ, पिता व बच्चों के बीच का संवाद अमूमन अंग्रेजी में चलता है। माँ कहती है बेटा शू पहन लो, बेेेटा कहता है नो। शुभकामनायें व विज्ञापन जरूर पढ़ने को मिल जाते हैं। कम से कम लोग पहचानने तो लगते हैं।
श्री ठाकुर ने कहा कि, राष्ट्रभाषा व हिन्दुस्तानी के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के काम को भूलकर टिकट दिलाने वाले नेता के फोटो जरूरी होते हैं।
डाक्टर लोहिया की याद नहीं होती जिन्होंने साठ के दशक में न केवल अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन का सूत्रपात किया साथ ही छात्रसंघों का प्रमुख कार्यक्रम बना दिया।
अगर हिन्दी को लाना है तो सबसे पहले घरों व दफ्तरों में हिन्दी लानी होगी। हिन्दी को राजनीति का मुख्य केन्द्र बिन्दु बनाना होगा।
श्री ठाकुर ने देशवासियों का आह्वान किया कि आइए, हम हिन्दुस्तानी को अपनायें और भारतीय बनें। नागरिकता जन्म से मिल सकती है परन्तु भारतीयता तो राष्ट्रभाषा अपनाने और आत्मसात करने से ही मिलेगी।
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