
आजादी का सही दिन तो 9 अगस्त है: डॉ. लोहिया
नयी दिल्ली: 15 अगस्त - आज़ादी दिवस पर प्रख्यात समाजवादी चिंतक व विचारक एवं लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर ने शोसल मीडिया के माध्यम सेे बताया है कि, 15 अगस्त देश की आजादी का दिवस है जिस दिन अंग्रेजों ने हमें औपचारिक रूप से सत्ता हस्तांतरण किया। हालांकि यह देश रूपी भारत माता के विभाजन का भी दिन है।
डॉ. लोहिया कहते थे- "आजादी का सही दिन तो 9 अगस्त है,जिस दिन अविभाजित-देश ने अपने आप को आजाद मान कर घोषित कर लिया।"
परन्तु तथाकथित आजादी के वर्षगांठ के पूर्व प्रश्न मन में घुमड़ रहा है कि क्या हम आजाद हैं?-
कल12 अगस्त से लुटियन्स जोन से लालकिले के बीच की दिल्ली तो कैदखाना बन चुकी है।
घर के सामने खड़ी गाड़ियों को पुलिस उठाकर ले जा रही है तथा जब गाड़ी खोजते लोग थानों में जाकर पता करते हैं तो 300रु की जुर्माने की रसीद दी जाती है।
सड़क पर गाड़ी स्कूटर नहीं खड़ी कर सकते। इसका न कोई ऐलान हुआ न कोई अखबारों में सूचना या विज्ञापन। दुकानों को बंद करा कर सील कर दिया गया। पार्को के ताले बन्द करा दिये गये। लगभग अघोषित कर्फ्यू या सरकारी बन्द जैसी स्थिति है।
क्या यही आजादी है।
मान लिया कि बादशाह सलामत की सवारी 15 अगस्त को इन सड़कों से गुजरेगी और उनका जीवन देश और लोकतंत्र से जियादा जरूरी है।
परन्तु दो घन्टे के आयोजन के लिए 4 दिन दिल्ली अघोषित बन्द रहेगी।
भाजपा दफ्तर के सामने के दीनदयाल उपाध्याय पार्को में बन्दूक धारी पुलिस का कब्जा हो गया है।
नागरिक आक्सीजन लेने को भी प्रवेश नही कर सकते। खोमचे हाथ ठेले लपेटकर गलियों में ठूंस दिए गए हैं।
क्या ऐसी ही आजादी की कल्पना देश ने 1947 में की थी।
मेरे ख्याल से तो नहीं।
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