डॉक्टर भी शूद्र होते हैं : मंत्री का विवादित बयान
बलिया (उप्र): केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने आज सामाजिक समता पर जोर देने की कोशिश के दौरान विवादित बयान दे दिया और गीता का जिक्र करते हुए कहा कि डॉक्टर भी शूद्र होते हैं ।
जनजाति मामलों के मंत्री उरांव ने स्वामी करपात्री जी महाराज के जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए आगाह किया कि आज हिंदुओ को विभाजित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है ।
इसके साथ ही मंत्री ने घोषणा की कि करपात्री महाराज के सम्मान में केंद्र सरकार डाक टिकट जारी करेगी ।
मंत्री ने हिंदुओं को विभाजित करने की हो रही कथित कोशिश पर चिंता प्रकट की और गीता में चार वर्ण के विभाजन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ण के अनुसार डॉक्टर और नर्स भी शूद्र है क्योंकि वह भी अपना चिकित्सकीय कार्य प्रारंभ करने के पूर्व अपने वस्त्र बदलते हैं।
उन्होंने सामाजिक विषमता के खात्मे का आह्वान करते हुए कहा कि ऊंचे पदों पर बैठे अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के युवक और युवतियों को ऊंची जाति के लोग वर या वधू के रूप में स्वीकार कर लेते हैं, लेकिन इस वर्ग के गरीब को स्वीकार नहीं किया जाता ।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक स्थिति और ज्ञान के आधार पर बराबरी नहीं होनी चाहिये, बल्कि विषमता को दूर किया जाना चाहिये।
(साभार- भाषा)
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