अमेरिका का ईरान पर फिर से सख्त प्रतिबंध, आधा हुआ रियाल का मूल्य
ट्रंप ने जारी अपने आदेश में कहा, मिसाइल के विकास और क्षेत्र में 'घातक' गतिविधियों के 'व्यापक और स्थायी समाधान' के खातिर ईरान पर वित्तीय दबाव डाला गया है.
अमेरिका ने ईरान पर फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. इन प्रतिबंधों को बहुपक्षीय परमाणु समझौते के बाद हटाया गया था. मई में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर होने की घोषणा की थी.
अमेरिकी प्रतिबंधों के पहले चरण में ईरान की अमेरिकी मुद्रा डॉलर तक पहुंच और कार तथा कालीन समेत अन्य प्रमुख उद्योगों को निशाना बनाया गया है.
ईरान पहले से ही प्रतिबंध के प्रभाव का सामना कर रहा है. ट्रंप द्वारा समझौते से बाहर निकलने की घोषणा के बाद से उसकी मुद्रा रियाल का मूल्य गिरकर करीब आधा रह गया.
ट्रंप ने सोमवार को एक बार फिर परमाणु समझौते पर निशाना साधते हुए इसे 'भयानक, एकतरफा सौदा' करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह समझौता ईरान के परमाणु बम बनाने के सभी मार्गों को अवरुद्ध करने के मौलिक उद्देश्य को हासिल करने में नाकाम रहा है.
ट्रंप ने सोमवार को जारी कार्यकारी आदेश में कहा कि मिसाइल के विकास और क्षेत्र में 'घातक' गतिविधियों के 'व्यापक और स्थायी समाधान' के खातिर ईरान पर वित्तीय दबाव डाला गया है.
यूरोपीय संघ (ईयू) की राजनयिक प्रमुख फेडेरिका मोगेरिनी ने कहा कि अमेरिका के फिर से प्रतिबंध लगाने पर ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत समूह के अन्य देशों ने खेद जताया है.
अमेरिकी जुर्माने के डर से कई बड़ी कंपनियां ईरान से बाहर जा रही है. ट्रंप ने ईरान के साथ कारोबार जारी रखने वाली कंपनियों और लोगों को 'गंभीर परिणाम' भुगतने की चेतावनी दी है.
अमेरिकी प्रतिबंधों का दूसरा चरण 5 नवंबर से प्रभावी होगी और इससे ईरान के कच्चे तेल की बिक्री पर लगेगी. यह स्थिति भारत, चीन और तुर्की जैसे कई देशों को अधिक नुकसान पहुंचाएगी.
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावद जरीफ ने कहा कि ट्रंप के इस कदम से दुनिया में अमेरिका 'अलग-थलग' पड़ गया है. हालांकि, उन्होंने माना कि प्रतिबंधों से कुछ व्यवधान पैदा हो सकता है.
(साभार- फर्स्ट पोस्ट)
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