योग दिवस पर देहरादून में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ
देहरादून, 21 जून: भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा योग दिवस पर देहरादून में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ प्रकाशित किया गया है जिसे मूल रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है:
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि,
"मंच पर उपस्थित सभी वरिष्ठ महानुभाव और इस विशाल, सुंदर मैदान में उपस्थित मेरे सभी साथियों। मैं देवभूमि उत्तराखंड की इस पावन धरती से दुनियाभर के योग प्रेमियों को चौथे अंतराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।
मां गंगा की इस भूमि पर, जहां चारधाम स्थित हैं, जहां आदि शंकराचार्य आए, जहां स्वामी विवेकानंद कई बार आए, वहां योग दिवस पर हम सभी का इस तरह एकत्रित होना, किसी सौभाग्य से कम नहीं।
उत्तराखंड तो वैसे भी अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के ये पर्वत स्वत: ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं।
सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है, तो उसे एक अलग तरह की, एक दिव्य अनुभूति होती है। इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति है, स्पंदन है, सम्मोहन है।
साथियों,
ये हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूर्य के साथ जैस-जैसे सूरज अपनी यात्रा करेगा, सूरज की किरण पहुंच रही है, प्रकाश का विस्तार हो रहा है, वहाँ - वहाँ लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं।
देहरादून से लेकर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो तक, जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक, योग ही योग , योग ही योग है।
हिमालय के हजारों फीट ऊंचे पर्वत हों या फिर धूप से तपता रेगिस्तान, योग हर परिस्थिति में, हर जीवन को समृद्ध कर रहा है।
जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती है तो बिखराव आता है। व्यक्तियों के बीच समाज के बीच देशों के बीच बिखराव आता है। समाज में दीवारें खड़ी होती है, परिवार में कलह बढ़ता है और यहाँ तक कि व्यक्ति अंदर से टूटता है और जीवन में तनाव बढ़ता जाता है।
इस बिखराव के बीच योग जोड़ता है। जोड़ने का काम करता है
आज की आपाधापी और तेज़ भागती ज़िंदगी में योग मन, शरीर और बुद्धि आत्मा को जोड़कर व्यक्ति के जीवन में शांति लाता है।
व्यक्ति को परिवार से जोड़कर परिवार में ख़ुशहाली लाता है।
परिवारों को समाज के प्रति संवेदनशील बना कर समाज में सद्भावना लाता है।
समाज राष्ट्र की एकता के सूत्र बनते है।
और ऐसे राष्ट्र विश्व में शांति और सौहार्द लाते है। मानवता, बंधुभाव से पल्लवित और पोषित होती है।
यानी योग व्यक्ति-परिवार-समाज-देश-विश्व और सम्पूर्ण मानवता को जोड़ता है।
जब यूनाइटेड नेशन्स में योग के लिए प्रस्ताव रखा और ये यूनाइटेड नेशन्स का रिकॉर्ड है, ये पहला ऐसा प्रस्ताव था जिसको दुनिया के सर्वाधिक देशों ने कॉस्पान्सर किया। ये पहला ऐसा प्रस्ताव था जो UN के इतिहास में सबसे कम समय में स्वीकृति हुआ और ये योग आज विश्व का हर नागरिक, विश्व का हर देश योग को अपना मानने लगा है और अब हिन्दुस्तान के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है कि हम उस महान विरासत के धनी है, हम उन महान परम्परा की विरासत को संजोय हुए है।
अगर हम अपनी विरासत पर गर्व करना शुरू करें जो कालबाह्यी है उसे छोड़ दें और वो टिकता भी नहीं है। लेकिन जो समय के अनुकूल है, जो भविष्य के निर्माण में उपकारक है ऐसी हमारी महान विरासत को अगर हम गर्व करेंगे तो दुनिया गर्व करने में कभी भी हिचकिचाहट नहीं अनुभव करेगे। लेकिन अगर हमें, हमारी शक्ति, सामर्थ्य के प्रति भरोसा नहीं होगा, तो कोई स्वीकार नहीं करेगा। अगर परिवार में परिवार ही बच्चे को हमेशा नकारता रहे और अपेक्षा कि मोहल्ले वाले बच्चे को सम्मान करे, तो वह संभव नहीं है। जब मां, बाप, परिवार, भाई, बहन बच्चे को जैसा भी हो स्वीकार करते है तब जा करके मोहल्ले के लोग भी स्वीकार करना शुरू कर देते है।
आज योग ने सिद्ध कर दिया है कि जैसे हिन्दुस्तान ने फिर से एक बार योग के सामर्थ्य के साथ अपने साथ जोड़ दिया दुनिया अपने आप जुड़ने लग गई।
योग आज दुनिया की सबसे Powerful Unifying Forces में से एक बन गया है।
मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यदि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों के आंकड़े जुटाए जाएं तो अद्भुत तथ्य विश्व के सामने आएंगे।
अलग-अलग देशों में, पार्कों में, खुले मैदानों में, सड़कों के किनारे, दफ्तरों में, घरों में, अस्पतालों में, स्कूलों में, कॉलेजों में, ऐतिहासिक विरासतों के सानिध्य में, योग के लिए जुटते सामान्य लोग, आप जैसे लोग, विश्व बंधुत्व के भाव और Global Friendship को और ऊर्जा दे रहे हैं।
Friends, the world has embraced Yoga and glimpses of this can be seen in the manner in which International Day of Yoga has been marked every year.
Infact, Yoga Day has become one of the biggest mass movements in the quest for good health and well-being.
Friends, from Tokyo to Toronto, from Stockholm to Sao Paulo, Yoga has become a positive influence in the lives of millions.
Yoga is beautiful because it is ancient yet modern…it is constant yet evolving.
It has the best of our past and presents and a ray of hope for our future.
In Yoga, we have the perfect solution to the problems we face, either as individuals or in our society.
Ours is a world that never sleeps. At every given point, there is something happening in a different part of the world.
A fast-paced existence brings with it lot of stress. I was shocked to read that every year, almost 18 million people all over the world die due to heart-related diseases. About 1.6 million people lose the fight against diabetes.
The way to lead a calm, creative and content life is Yoga. It can show the way in defeating tensions and mindless anxiety.
Instead of dividing, Yoga always unites.
Instead of further animosity, Yoga assimilates.
Instead of increasing suffering, Yoga heals.
Practicing Yoga has the ability to herald an era of peace, happiness and brotherhood.
More people practicing Yoga means the world needs more people to teach it. Over the last three years many individuals are teaching Yoga, new institutions are being set up and even technology is connecting people to Yoga. I urge you all to build on this momentum in the times to come.
May this Yoga Day become an opportunity to deepen our connect with Yoga and motivate people around us to practice it. This can be the enduring impact of this day.
साथियों, योग ने दुनिया को illness से wellness का रास्ता दिखाया है।
यही वजह है कि दुनिया भर में योग की स्वीकार्यता इतनी तेजी से बढ़ रही है।
कॉवेन्ट्री यूनिवर्सिटी और रैडबाउड यूनिवर्सिटी के अध्ययन में भी सामने आया है कि योग सिर्फ शरीर को आराम ही नहीं देता बल्कि ये हमारे DNA में होने वाले उन Molecular Reactions को भी उलट सकता है जो हमें बीमार करते हैं और डिप्रेशन को जन्म देते हैं।
यदि हम आसन और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करते हैं तो हम अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ अनेक रोगों से अपना बचाव भी कर सकते हैं। नियमित योग का सीधा प्रभाव किसी भी परिवार के मेडिकल खर्चों पर पड़ता है।
राष्ट्र निर्माण की हर प्रक्रिया से, हर Activity से जुड़ने के लिए हम सभी का स्वस्थ रहना आवश्यक है और निश्चित तौर पर इसमें योग की भी बड़ी भूमिका है।
इसलिए आज के दिन मेरा आग्रह है कि जो लोग योग के साथ जुड़े हैं, वो नियमितता लाएं और जो अब भी योग से नहीं जुड़ पाएं हैं, वो एक बार प्रयास जरूर करें।
साथियों, योग के बढ़ते प्रसार ने विश्व को भारत के और भारत को विश्व के ज्यादा निकट ला दिया है। हम सभी के निरंतर प्रयासों से आज योग को दुनिया में जो स्थान मिला है, वो समय के साथ और मजबूत होगा।
स्वस्थ और खुशहाल मानवता के लिए, योग के बारे में समझ को और अधिक विकसित बनाना हमारी जिम्मेदारी है। आइए, अपनी इस जिम्मेदारी को समझते हुए अपने प्रयास तेज करें।
एक बार फिर मैं इस देवभूमि से दुनिया भर के योग प्रेमियों अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
उत्तराखंड की सरकार को भी बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, इस महान कार्य की योजना के लिए।
बहुत बहुत धन्यवाद।"
(अतुल तिवारी/ हिमांशु सिंह/लक्ष्मी)
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