अवैध व्यापार पर रोक लगाना सीमा प्रबंधन नीति का मुख्य उद्देश्य : भारत
संयुक्त राष्ट्र, 21 जून: भारत ने कहा है कि उसकी प्रमुख चिंता सीमाओं को अवैध व्यापार से सुरक्षित करना है। भारत ने साथ ही कहा कि देश की सुरक्षा आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित और मादक पदार्थ तस्करी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है।
छोटे हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अमनदीप सिंह गिल ने कहा कि सीमा प्रबंधन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है क्योंकि वह कई पड़ोसियों के साथ एक लंबी सीमा साझा करता है।
गिल ने कहा कि भारत के सीमा प्रबंधन का प्रमुख उद्देश्य देश की सीमाओं को अवैध व्यापार से सुरक्षित करना है, इसमें सीमा प्रबंधन इकाई का गठन और इस दायरे में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग रूख स्थापित करना शामिल है।
गिल छोटे हथियारों और हल्के हथियारों (एसएएलडब्लू) के अवैध व्यापार को रोकने, निबटने और अवैध व्यापार को उसके सभी पहलुओं में समाप्त करने के लिए कार्ययोजना (पीओए) के क्रियान्वयन की समीक्षा करने के लिए तीसरे संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत एसएएलडब्लू के अवैध व्यापार को रोकने, उसके खिलाफ मुकाबला करने के बहुपक्षीय प्रयासों के आधार के तौर पर कार्ययोजना को उच्च महत्व देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और समुद्री डकैती से प्रतिकूल रूप से प्रभावित है और इन सभी में एसएएलडब्लू हानिकारक भूमिका निभाता है। इसलिए कार्ययोजना का पूर्ण और प्रभावी क्रियान्वयन भारत के लिए एक प्राथमिकता है, विशेष तौर पर आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध से मुकाबले में।’’
संयुक्त राष्ट्र की शेफ डी कैबिनेट मारिया एल रिबेरियो ने संयुक्त महासचिव एंतोनियो गुतारेस की ओर से कहा, ‘‘छोटे हथियारों को विनियमित करना एक अनोखी चुनौती है।’’
योशिता सिंह
(साभार- भाषा)
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