
भाजपा सरकार रंगदारी मांग रही है निजी स्कूलों से?
लखनऊ, 29 मई: उत्तर प्रदेश में भाजपा की भयमुक्त सरकार के सैकड़ों दावे उसकी फजीहत कराते राजधानी से लेकर जिले-जिले बड़े गौर से देखे-सुने जा रहे हैं|
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे के यूपी बोर्ड से हाईस्कूल-इंटरमीडिए के मेधावी (टापर्स) छात्रों को लखनऊ की लोहिया यूनिवर्सिटी के सभागार में लैपटॉप बांटेंगे|
यह वायदा भाजपा के चुनाव संकल्प-पत्र में किया गया था, जिसे निभाने की सुध 14 महीने बाद तब आई जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के मेधावियों को जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में लैपटॉप बाँटने का ऐलान कर कल बांट भी दिए दिए | बतादें बजट में लैपटॉप बांटने के लिए कोई धन आवंटित नहीं किया गया है | आनन-फानन में शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया और सूबे भर के मेधावियों को लखनऊ बुलाने के इंतजाम किये जाने लगे |
सूबे के जिलों,शहरों,कस्बों से आने वाले मेधावी छात्रों के रहने, नहाने-धोने और खाने के इंतजाम के लिए लखनऊ के 9 वित्त विहीन (निजी) स्कूलों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग सहित कई अधिकारी 24 मई को जाकर जुबानी फरमान सुना आये |
26 मई को एक मेल भेज कर इन स्कूलों को कहा गया है कि इस इंतजाम के बदले उन्हें उचित भुगतान किया जाएगा |
सूत्र बताते हैं कि इस मेजबानी में सिटी मोंटेसरी स्कूल का नाम पहले नहीं था , आज जोड़ दिए जाने की खबर है |
बताते चलें कि लोहिया यूनिवर्सिटी के आस-पास कई कान्वेंट स्कूल हैं उनका इस्तेमाल नहीं किया गया या उन्होंने इससे इनकार कर दिया इसका खुलासा नहीं हो सका |
मजे की बात है कि लैपटॉप बांटने का समारोह कल सुबह होना है लेकिन दोपहर 3 बजे तक इन स्कूलों को बाहर से आने वाले छात्रों की असल संख्या व वे कब तक पहुंचेंगे की कोई सूचना स्कूलों को नहीं दी गई | इन स्कूलों में आजकल अवकाश चल रहे हैं ऐसे में स्टाफ को विशेषतौर पर बुलाना और खली-खाली बिठाए रखना भी मुश्किल काम है | फिर छात्रों के खाने के लिए सामान का भी उन्हें इंतजाम करना होगा |
स्कूल प्रबंधन के जिम्मेदारों का कहना है कि ये कोई होटल नहीं है और न ही हमारे स्टाफ को या हमें कैटरिंग का कोई तजुर्बा ही है , हमे भी किसी कैटरर से ही उसकी सेवाएं लेनी होंगी | उससे भी बड़ी बात कि निजी स्कूलों की भव्यता में बाथरूम,बेडरूम कहां सम्भव हैं ?
सरोजिनीनगर क्षेत्र के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि, सरकार ने अपने स्कूलों को पुलिस के अस्थाई निवास , शादी-विवाहों व अन्य समारोहों के लिए देकर बर्बाद कर दिया है , अब इन्हें भी बर्बाद करना चाहती है |’
यहां यह याद दिलाना होगा कि पिछले महीने लखनऊ में ही मडियांव के अल्लूनगर प्राथमिक स्कूल को गांव के ही दो भाइयों के तिलक समारोह में देने के मामले में ख़ासा हंगामा मचा था | हालांकि परम्परागत तरीके से स्कूलों के परिसरों को अवकाश के दौरान समारोहों के लिए,चुनावों के लिए व पुलिस के अस्थाई निवास के लिए दिए जाने का एक लम्बा सिलसिला रहा है |
गौरतलब है कि आरटीई के जरिये गरीब बच्चों के इन्ही निजी स्कूलों में दाखिले को लेकर ख़ासा हंगामा मचा है|
अधिकतर निजी स्कूल इन गरीब बच्चों के दाखिले से इन्कार कर रहे हैं |
इसके पीछे निजी स्कूलों की एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.मधुसूदन दीक्षित ने पिछले दिनों कहा था ,’सरकार आरटीई दाखिले की फीस समय से अदा करे तो हमेइन गरीब बच्चो के दाखिले में कोई दिक्कत नहीं है |’
गोया सरकार द्वारा तय फीस जब निजी स्कूलों को सत्र के बाद भी नहीं दी जा रही , तो क्या लैपटॉप लेने आने वाले छात्रों के रहने,खाने के खर्च को अदा करेगी ? कहीं निजी स्कूलों को फीस वृद्धि व अन्य मनमानी के बदले यह रंगदारी तो नहीं?
राम प्रकाश वरमा
swatantrabharatnews.com