
हरियाणा के नंगल चौधरी में ‘माल लदान गांव’के रूप में ट्रंक आधारभूत संरचना विकास को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए)
मंत्रिमंडल ने दिल्ली मुम्बई औद्योगिक गलियारा परियोजना के अंतर्गत हरियाणा के नंगल चौधरी में ‘माल लदान गांव’के रूप में समेकित मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्द्र के लिए ट्रंक आधारभूत संरचना विकास को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति नेऔद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग के निम्नलिखित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है:
नयी दिल्ली, 17 मई: हरियाणा के नंगल चौधरी में परियोजना विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) द्वारा 886.78 एकड़ जमीन पर माल लदान गांव(फ्रेट विलेज़)समेकित मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्द्र (आईएमएलएच)का विकास दो चरणों में किया जाएगा।
पहले चरण के विकास के लिए 1029.49 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दी गई है। परियोजना का दूसरा चरण विकसित करने के लिए सिद्धांत रूप में मंजूरी दी गई है। पहले चरण के खर्च में दूसरे चरण के विकास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन के मूल्य सहित जमीन का समूचा 266 करोड़ रुपये मूल्य शामिल है।
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) द्वारा 763.49 करोड़ रुपये का निवेश जिसमें इक्विटी के रूप में 266 करोड़ रुपये और एसपीवी में ऋण के रूप में 497.49 करोड़ रुपये शामिल हैं; और
ईपीसी आधार पर एसपीवी द्वारा ट्रंक बुनियादी ढांचा विकास के लिए बोली।
प्रभाव:
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के मामले में परियोजना की असाधारण किफायती उपयोगिता है और इसका अर्थव्यवस्था पर कई प्रकार से असर होगा। परियोजना के आर्थिक फायदों में रोजगार सृजन, ईंधन की लागत में कमी, निर्यात को बढ़ावा, वाहन (ट्रकों) की परिचालन लागत में कमी, दुर्घटना से जुड़े खर्च में कमी, राज्य सरकारों द्वारा करों के संग्रह में बढ़ोत्तरी, प्रदूषण में कमी शामिल हैं।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्द्र के रूप में माल लदान गांवके प्रस्तावित विकास से चार हजार प्रत्यक्ष और छह हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। रोजगार सृजन मूलभूत लॉजिस्टिक्स सुविधाओं तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि समूची लॉजिस्टिक्स आपूर्ति श्रृंखला के लिए अवसर प्रदान करेगा।
विवरण:
ट्रंक बुनियादी ढांचे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहला चरण वित्त वर्ष 2020-21 तक कार्यान्वित किया जाएगा।
विभिन्न निर्माण पैकेज इस प्रकार से दिए जाएंगे जिससे ट्रंक बुनियादी ढांचे का समूचा निर्माण साथ-साथ पूरा हो।
परियोजना के दूसरे चरण का पुनर्मूल्यांकन जरूरत पड़ने पर, उचित वित्तीय प्रतिबंधों के लिए 2028 अथवा उससे पहले किया जाएगा।
प्रस्तावित माल लदान गांव के क्रियान्वयन के लिए, “डीएमआईसीमल्टीमॉडल लॉजिस्टिककेन्द्र प्रोजेक्ट लिमिटेड” के नाम से एचएसआईडीसी के जरिए एनआईसीडीआईटी और हरियाणा सरकार के जरिए सरकार के 50:50 संयुक्त उद्यम के रूप में एक एसपीवी को शामिल किया गया है।
माल लदान गांव को डबला में पश्चिमी समर्पित भाड़ा गलियारे (डीएफसी) से जोड़ा जाएगा जिसकी दूरी करीब 10 किलोमीटर है। यह लॉजिस्टिक केन्द्र डीएफसी से जुड़ा हुआ है जिसमें निम्नलिखित घटक होंगे:
प्रमुख बंदरगाहों औद्योगिक केन्द्र के लिए उच्च गति कनेक्टिविटी;
आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं की लागत कम करना माल लदान का तेजी से परिचालन और बहु-हैडलिंग लागत समाप्त करना;
बेहतर सेवा गुणवत्ता;
वास्तविक समय माल लदान भाड़े पर नज़र रखना और आंकड़ों का विशलेषण;
लदान/जमाव/पैकेजिंग/भंडारण जैसी सभी लॉजिस्टिक जरूरतों का एक जगह पर समाधान;
समुद्र तट क्षेत्र से बंदरगाहों तक तेजी से पहुंच;
आपूर्ति श्रृंखला परिचालनों में किफायत और कम परिचालन समय के साथ उत्पादन लागत में कमी;
समुद्र तट क्षेत्र से अंतिम मील प्रवेश द्वार बंदरगाह कनेक्टिविटी;
कटेनर माल स्टेशनों की असंगठित वृद्धि को रोकना;
पृष्ठभूमि:
भारत सरकार एक वैश्विक निर्माण और निवेश स्थल के रूप में दिल्ली, मुम्बई औद्योगिक गलियारे को विकसित कर रही है। आधार के रूप में करीब 1504 किलोमीटर लंबे पश्चिमी समर्पित माल गलियारे (डीएफसी) को विकसित किया जा रहा है। छह राज्यों गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैले इस गलियारे के विकास के लिए निवेश क्षेत्रों और औद्योगिक इलाकों की पहचान की गई है।
हरियाणा उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक और व्यापार केन्द्र है। अतिरिक्त आधारभूत संरचना के जरिए कच्चे माल और निर्मित वस्तुओं को भेजने के लिए औद्योगिक विकास की उच्च दर को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उम्मीद है कि हरियाणा में 2025 तक करीब दस मिलियन बीस फुट इकाई के बराबर कंटेनर ट्रैफिक देखने को मिलेगा। अत: हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले में माल लदान गांवका विकास आवश्यक समझा गया ताकि निम्नलिखित उद्देश्यों को हासिल किया जा सके:
क्षेत्र वर्तमान उद्योगों के परिचालनों में तेजी लाने के साथ-साथ उद्योगों, माल गोदाम और लॉजिस्टिक्स परिचालकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए एक निवेश स्थल के रूप में आकर्षण बना रहे।
पश्चिम डीएफसी और ऐसे उत्तरी राज्यों में संभावित ट्रैफिक की निकासी जो तेज और उच्च क्षमता की माल वाहन ट्रेनों के महंगे और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के परिचालन के साथ रेल आधारित माल की आवाजाही को प्रेरित करेगा। यह विश्व स्तर की मल्टी मॉडल सुविधा के रूप में कार्य करेगाजिससे डीएफसी से दक्ष भंडारण/वस्तुओं के पारगमन के साथ अधिक माल भेजा जा सकेगा।
माल वाहक कंपनियों और ग्राहकों को आकर्षक स्थल की पेशकश ताकि क्षेत्र में औद्योगिक विकास बढ़ाया जा सके और आर्थिक अवसर पैदा किए जा सके। इस सुविधा से न केवल स्टैंडर्ड कंटेनर हैंडलिंग कार्य हो सकेंगे, बल्कि विभिन्न मानयोजित सेवाएं सृजित होंगी।
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