एक मई - अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस: मजूदरों ने अपने हक के लिए उठाई आवाज.
> वर्ष 1877 में मजदूरों ने काम के घंटे - 8 घंटे तय करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था, और यह दुनिया के विभिन्न देशों में फैलने लगा।
>01 मई 1886 को पूरे अमेरिका के लाखों मज़दूरों ने एक साथ हड़ताल शुरू की। इसमें 11,000 फ़ैक्टरियों के कम से कम तीन लाख अस्सी हज़ार मज़दूर शामिल हुए और वहीं से 01 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई।
लखनऊ, 30 अप्रैल: 01 मई - अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मज़दूरों का जिक्र आना स्वाभाविक है। दुनिया में मजदूर दिवस मनाने का चलन करीब 132 साल पुराना है।
आज एक वार्ता के दौरान मजदूर नेता और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश) - सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव ने बताया कि 01 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है। वर्ष 1877 में मजदूरों ने काम के घंटे - 8 घंटे तय करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था, और यह दुनिया के विभिन्न देशों में फैलने लगा।
01 मई 1886 को पूरे अमेरिका के लाखों मज़दूरों ने एक साथ हड़ताल शुरू की। इसमें 11,000 फ़ैक्टरियों के कम से कम तीन लाख अस्सी हज़ार मज़दूर शामिल हुए और वहीं से एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई।
एक मई की तारीख कई अन्य घटनाओं की भी साक्षी रही है। ऐसी ही चंद घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1840: यूनाइटेड किंगडम ने पहला आधिकारिक डाक टिकट जारी किया. 1886: अमेरिका के शिकागो में कामगारों के लिए काम के घंटे तय करने को लेकर हड़ताल, एक मई को अन्तरराष्ट्रीय मजदूर दिवस घोषित किया गया।
1897: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
1908: प्रफुल्ल चाकी ने मुजफ्फरपुर बम कांड को अंजाम देने के बाद खुद को गोली मारी।
1914: कार निर्माता फोर्ड वह पहली कंपनी बनी जिसने अपने कर्मचारियों के लिए आठ घंटे काम करने का नियम लागू किया।
1923: भारत में मई दिवस मनाने की शुरुआत।
1956: जोनसा साल्क द्वारा विकसित पोलियो वैक्सीन जनता के लिए उपलब्ध कराई गई।
1960: महाराष्ट्र और गुजरात अलग अलग राज्य बने।
1972: देश की कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण।
2009: स्वीडन ने समलैंगिक विवाह को मंजूरी दी।
2011: अमेरिका पर 2001 के हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारे जाने की पुष्टि।
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