अमनमणि की जमानत निरस्त करने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
नयी दिल्ली, 18 अप्रैल: (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने पत्नी की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बड़ी राहत देते हुए उसकी जमानत के खिलाफ अपील आज ठुकरा दी।
न्यायमूर्ति ए के सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अभियोजन एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और मृतका सारा सिंह की मां सीमा सिंह की अपील ठुकरा दी।
उच्च न्यायालय ने नौ मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के विधायक पुत्र अमनमणि को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। सीबीआई और सीमा सिंह ने निर्दलीय विधायक को दी गयी जमानत को निरस्त करने की शीर्ष अदालत से अपील की थी।
मामले की सुनवाई के दौरान अमनमणि की तरफ से दलील दी गयी थी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक यह दुघर्टना से हुई मौत का मामला है न कि हत्या का। अमनमणि की तरफ से यह भी कहा गया कि मामले के चश्मदीद गवाह ने भी कहा है कि कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। अमनमणि के वकील ने सीमा सिंह की याचिका को आधारहीन भी बताया था।
वहीं सीबीआई ने अमनमणि की जमानत निरस्त किये जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि निर्दलीय विधायक के खिलाफ उसके पास पर्याप्त सबूत हैं, जबकि मृतका की मां सीमा सिंह की तरफ से कहा गया था कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। इसलिए अमनमणि की जमानत को रद्द किया जाना चाहिए।
अमनमणि की पत्नी सारा सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में नौ जुलाई 2015 को मौत हो गई थी।
(साभार- वार्ता)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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