
लहू बोलता भी है: जंगे-आज़ादी-ए-हिन्द के मुस्लिम किरदार - सैय्यद मीर निसार अली
आइये जानते हैं, एक और जंगे- आज़ादी- ए- हिन्द के मुस्लिम किरदार - सैय्यद मीर निसार अली
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सैय्यद मीर निसार अली हिन्दुस्तान में अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ वहाबी मूवमेंट को इतिहास में एक अच्छा दर्जा मिला है।
जब टीपू मीर ;जिनका असली नाम सैय्यद मीर निसार अली थाद्ध ने वहाबी आंदोलन में फ़ौज का इंतज़ाम करके आंदोलन के साथ फौज को जोड़ा, तो उनके इस क़दम से उनके आंदोलनकारियों को बहुत हौसला और सबक़ मिला।
टीपू मीर की पैदाइश सन् 1782 में हैदरपुर गांव वेस्ट बंगाल के सूबे नारकेलबारिया ;परगनाद्ध में हुई थी। मीर निसार के वालिद का नाम सैय्यद मीर हसन अली था और वालिदा का नाम रुक़ईया ख़ातून था। आप एक जाने-माने पहलवान थे।
सैय्यद मीर निसार अली सन् 1822 में हज करने गये और वहां वहाबी मूवमेंट के फांउडर सैय्यद अहमद रायबेरलवी और फराज़ी आंदोलन के फांउडर हाजी शरियतउल्ला से मिले। तीनों की मुलाकात ने वहाबी मूवमेन्ट और फराज़ी मूवमेंट को ताक़त दिया।
मक्का से वापसी के बाद आप हैदरपुर में ही बस गये। आप बहुत-से शहरों में घूमे थे और ईस्ट इण्डिया कम्पनी, ज़मींदार व महाजनों को लोगों पर जुल्म करते देखा। सैय्यद मीर अली ने इस जुल्म के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने का फैसला किया। आपने अंग्रेज़ी पुलिस और ईस्ट इण्डिया कम्पनी के ख़िलाफ़ हथियार उठा लिये, क्योंकि वे ज़मींदार और महाजनां को जुल्म करने में मदद कर रहे थे। जमींदारों का जुल्म मुसलमानों पर इतना ज़्यादा था कि मुसलमानों की दाढ़ी पर भी टैक्स लगा दिया था। इसके ख़िलाफ़ मीर निसार अली ने खुद कई लड़ाईयां लड़ीं। आप इतने बहादुर थे कि हमला करने से पहले ही ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अफ़सर और पुलिस को बता देते थे।
टीपू मीर ने बांस का एक महल बनाया था, जहां अपने लोगों को हथियार चलाना सिखाते थे। अंग्रेज़ी कमाण्डर ने टीपू मीर के किले नारकेलबारियां पर 19 नवम्बर सन् 1831 को भारी फ़ौज के साथ हमला कर दिया। चूंकि हमला अचानक हुआ था, इसलिए मौजूद असलहे जब तक रहे तब तक तो मुजाहेदीन बहादुरी से लड़ते रहे, लेकिन अंधेरा होते ही अंग्रेज़ व ज़मींदार के कारिन्दांे ने क़िले की पिछली दीवार तोड़कर उन्हें सरेण्डर करने पर मज़बूर कर दिया। कुछ लोगों का मानना है कि टीपू मीर को वहीं गोली मार दी गयी जबकि कुछ इतिहासकार यह मानते हैं कि उन्हें सरेंडर कराकर गिरफ्तार किया गया और बाद में फांसी पर लटका दिया गया।
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