
भाजपा की आमदनी एक साल में 82 प्रतिशत बढ़कर 1034 करोड़ रुपए हुई, कांग्रेस से चार गुना ज्यादा: एडीआर
> 606.64 करोड़ रुपए भाजपा ने सिर्फ चुनाव और प्रचार अभियानों पर खर्च किए.
> कांग्रेस की आमदनी से तीन गुना ज्यादा भाजपा ने प्रचार पर खर्च किया.
नई दिल्ली, 10 अप्रैल: भारतीय जनता पार्टी की आमदनी 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हो गई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, सात राष्ट्रीय पार्टियों ने फाइनेंशियल ईयर 2016-17 के लिए अपनी आमदनी घोषित की। इन सभी की कुल आमदनी 1559 करोड़ सामने आई है। इसमें सबसे ज्यादा आमदनी बीजेपी की है। इसके बाद कांग्रेस का नंबर है। भाजपा की कमाई 81.8% बढ़कर 1034 करोड़ रुपए हो गई। 2015-16 में यह 570.86 करोड़ रुपए थी। वहीं, इस दौरान कांग्रेस की आमदनी में 14% की कमी आई है। पार्टी की आय 261.56 करोड़ रुपए से घटकर 225.36 करोड़ रुपए रह गई है।
भाजपा, एनसीपीऔर बसपा को छोड़कर बाकी चार राष्ट्रीय दलों की आमदनी घटी
पार्टी आमदनी (2016-17) आमदनी (2015-16)
भाजपा 1034.27 570.86 करोड़
कांग्रेस 225.36 261.56 करोड़
बसपा 173.58 47.35 करोड़
सीपीएम 100.25 107.25 करोड़
एनसीपी 17.23 9.13 करोड़
टीएमसी 6.39 34.57 करोड़
सीपीआई 2.07 2.17 करोड़
बीजेपी को सबसे ज्यादा पैसा अनुदान, दान और योगदान से मिला
- दोनों पार्टियों ने अपनी आमदनी का सोर्स भी बताया। इनमें अनुदान, दान और योगदान शामिल है।
- बीजेपी ने बताया कि अनुदान, दान और योगदान के जरिए उसे 997.12 करोड़ रुपए मिले। यह फाइनेंशियल ईयर 2016-17 के दौरान की कुल आमदनी का 96.41% है। उधर, इस दौरान कांग्रेस को समान सोर्स से 50.626 करोड़ रुपए मिले। यह उसकी कुल आमदनी का 51.32% है।
कहां से कितनी आमदनी हुई?
पार्टी स्वैच्छिक योगदान बैंक से मिला ब्याज फीस और सदस्यता शुल्क
बीजेपी 997.12 करोड़ 31.18 करोड़ 4.29 करोड़
कांग्रेस 115.664 करोड़ 50.626 43.89
बीजेपी ने 606.64 करोड़ रुपए चुनाव और प्रचार अभियानों पर खर्च किए
- बीजेपी ने फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में 606.64 करोड़ रुपए चुनाव और प्रचार अभियानों पर खर्च किए। वहीं, प्रशासनिक कामों पर 69.78 रुपए लगाए। इसी तरफ, कांग्रेस ने चुनाव में 149.65 करोड़ रुपए और प्रशासकीय कामों में करीब 115.65 करोड़ रुपए खर्च किए।
- इसके बाद, बसपा का नंबर आता है। मायावती की इस पार्टी ने चुनाव प्रचार में 40.97 करोड़ रुपए, सामान्य और प्रशासनिक कामों में 10.809 करोड़ रुपए खर्च किए।
(साभार: भाष्कर)
सम्पादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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