'भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के संकट में फंसने की बातें सिर्फ अफवाह'
मुंबई, 09 अप्रैल: बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मुख्यकार्यपालक अधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि पंजाब नैशनल बैंक के कर्ज घोटाले के संदर्भ में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के संकट में फंसने की बातें अफवाह फैलाने से ज्यादा कुछ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र ठोस है और नीरव मोदी मामले में फंसी बैंकों की राशि इस क्षेत्र की महज तीन दिन की ब्याज की कमाई के बराबर है। गौरतलब है कि आभूषण कारोबारी नीरव मोदी, उसके मामा मेहुल चोकसी और उसकी कंपनियों ने पंजाब नैशनल बैंक की मुंबई की एक शाखा से आयात के संबंध में जारी फर्जी गारंटी पत्रों के आधार पर बैंकों से 13,000 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी की है। इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है। सीबीआई मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने नीरव व मेहुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। दोनों भारत से भाग चुके हैं।
बीएसई के मुख्यकार्यपालक चौहान कल अमेरिका के मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के वार्षिक सम्मेलन में विद्यार्थियों की एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र काफी मजबूत और अच्छी तरह से विनियमित है। उन्होंने कहा कि पीएनबी में घोटाले की जिस राशि की बात की जा रही है, वह देश के बैंकिंग क्षेत्र की केवल तीन दिन की ब्याज आय के बराबर है। लेकिन उन्होंने माना की यदि 1992 के हर्षद मेहता बैंक घोटाले के बाद भारतीय बैंकिंग व्यवस्था और रिजर्व बैंक में उचित सुधार किए गए होते तो ये घोटाले नहीं होते। उन्होंने कहा, हमें बैंकों में 1992 में ही सुधार कर लेने चाहिए थे। यदि उस समय सुधार कर लिए गए होते तो यह (नीरव मोदी घोटाला) नहीं होता। चौहान ने कहा, हमारी आंख अब खुल गई है और हम अच्छे काम कर रहे हैं। इनमें से एक नोटबंदी है, एक जीएसटी तथा तीसरा दिवाला संहिता।
उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र एक करोड़ रुपये का है। भारत में बैंक कर्ज लेने वालों से 12 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलते हैं और जो लोग बैंकों को पैसा देते हैं, उन्हें हम चार प्रतिशत की दर से ब्याज देते है। इस तरह मूल रूप से हमारे बैंक आठ प्रतिशत लाभ कमाते हैं। बीएसई प्रमुख ने कहा, इस तरह एक करोड़ करोड़ रुपये पर आप साल में 12 प्रतिशत की दर से कितना पाते हैं? 12 लाख करोड़ रुपये। एक महीने में आप को कितना मिलता है? एक लाख करोड़ रुपये। तीन दिन में आप कितना पाते हैं? 10,000 करोड़ रुपये। पीएनबी घोटाला कितने का है? यह तीन दिन की ब्याज आय के बराबर है। उन्होंने कहा कि बैंकों में ऐसी बात होती रहती है। यह कारोबार का मामला है। बैंक जब आठ प्रतिशत मार्जिन लेकर चल रहे होते हैं तो व मान कर चलते हैं 12 में से एक व्यक्ति समय से ऋण नहीं चुका पाएगा। चूक होने पर भी उनकी हालत ठीक रहेगी, क्योंकि कर्जदारों से मूल धन वापस मिल जाएगा।
(साभार: बिजनेस स्टैण्डर्ड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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