भारत के कड़े रुख से बौखलाया चीन, डोकलाम को फिर बताया अपना हिस्सा
भारतीय राजदूत ने हॉंगकांग के ‘साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट’ से बातचीत में डोकलाम गतिरोध के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी.
नयी दिल्ली, 26 मार्च: भारतीय राजदूत की ओर से डोकलाम गतिरोध के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद चीन ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि डोकलाम उसका हिस्सा है साथ ही भारत को पिछले साल हुए गतिरोध से सबक लेना चाहिए. दरअसल राजदूत ने कहा था कि बीजिंग ने विवादित क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी इसी लिए गतिरोध हुआ था.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावाले के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ डोकलाम चीन का हिस्सा है क्योंकि हमारे पास ऐतिहासिक संधिपत्र हैं.’’
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘ यहां चीन की गतिविधियां हमारे अधिकार के तहत हैं. हालात बदलने जैसा कुछ भी नहीं है.’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हमारे सम्मिलित प्रयासों और अपनी बुद्धिमत्ता के कारण पिछले साल हमने इस मुद्दे को ठीक से सुलझा लिया. हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष इससे कुछ और सबक लेगा और ऐतिहासिक संधिपत्रों को मानेगा. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए चीन के साथ मिल कर काम करेगा कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढाने के लिए सीमा पर वातावरण अनुकूल हो.’’
गौरतलब है कि भारतीय राजदूत ने हॉंगकांग के ‘साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट’ से बातचीत में डोकलाम गतिरोध के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी और उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था.
भारत-चीन सीमा विवादों को लेकर प्रवक्ता ने आगे कहा " चीन बातचीत से इस समस्या का हल निकालना चाहता है. चीन और भारत दोनों ही इस समस्या को सुलझाने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं ताकि दोनों देश आपसी सहमति से किसी नतीजे पर पहुंच सके." अब तक दोनों देशों के बीच 20 बार सीमा विवादों को लेकर बातचीत हो गई है.
हालांकि हुआ ने भारतीय राजदूत के इस बयान कि सराहना की कि भारत को चीन की प्रगति से कोई समस्या नहीं बल्कि प्रेरणा है और चीन कोई कॉम्पीटिटर या खतरा नहीं बल्कि विकास में साथी है.
हुआ ने आगे कहा "मैं भारतीय राजदूत की चीन को लेकर सभी पॉज़िटिव बातों के लिए सराहना करती हूं, दोनों ही देश बहुत ही तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं. भारत और चीन एक-दूसरे के लिए बहुत अच्छे अवसर हैं और साथ ही हम पूरी दुनिया के लिए भी अच्छे अवसर दे सकते हैं."
(साभार: न्यूज़ 18)
संपादक: स्वतंत्र भारत न्यूज़
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