कोरियाई प्रायद्वीप में शांति नहीं, बल्कि होगा युद्ध, इसकी वजह बनेगा चीन!
नयी दिल्ली, 21 मार्च: उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच वार्ता का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे ही वार्ता और इसके अनुमानित नतीजों को लेकर नई-नई बातें सामने आ रही हैं। वार्ता से पहले ही शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन मियरशेमर ने इस वार्ता को लेकर अपनी आशंका जाहिर की है। उन्होंने यह कहते हुए वार्ता पर संशय पैदा कर दिया है कि चीन अमेरिका की उम्मीदों को कभी पूरा नहीं होने देगा। उनके मुताबिक चीन की बदौलत दोनों कोरियाई देशों में युद्ध छिड़ने की प्रबल आशंका है। उनका कहना है कि उत्तर कोरिया के पास अमेरिका पर विश्वास करने की कोई वाजिब वजह नहीं है। यह बात उन्होंने उत्तर कोरिया को गैर परमाणु हथियार राष्ट्र बनाने के मद्देनजर कही है।
शांति में चीन बनेगा बड़ी रुकावट
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच वार्ता को लेकर उन्होंने एक और बड़ी बात कही है। उनका कहना है कि इस वार्ता के मूल बिंदु (गैर परमाणु हथियार राष्ट्र) में चीन सबसे बड़ी रुकावट पैदा करेगा। प्रोफेसर जॉन का कहना है कि न तो उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को अमेरिका को सौंपेगा और न ही चीन उसको ऐसा करने देगा। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति के मुताबिक कोई भी देश किसी अन्य देश पर भरोसा करने की स्थिति में नहीं होता है और न ही वह उसके असल मकसद को समझ पाता है। उन्होंने यह बातें सियोल में हुए एक लेक्चर के दौरान कही हैं। यह लेक्चर कोरिया फाउंडेशन फॉर एडवांस्ड स्टडीज ने आयोजित किया था।
(साभार: जागरण)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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