भारतीय रेल ने म्यांमार रेलवे को 18 माइक्रोप्रोसेसर नियंत्रित भारतीय रेल इंजन सौंपा
> यह चालू भारतीय ऋण व्यवस्था में पूरी होने वाली पहली परियोजना है रेल मंत्रालय का सार्वजनिक प्रतिष्ठान राइट्स लिमिटेड म्यांमार रेल का मुख्य साझेदार है.
नयी दिल्ली 19 मार्च: प्रधानमंत्री - नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार भारतीय रेल पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत और म्यांमार पिछले दो दशकों से रेल के क्षेत्र में आपसी सहयोग कर रहे हैं।
दोनों देशों के बीच सहयोग को और प्रोत्साहित करने के लिए रेल राज्यमंत्री श्री राजेन गोहेन म्यांमार को 18 एसी-डीसी 1350, एचपी डीजल इलेक्ट्रिक इंजन म्यांमार रेलवे को औपचारिक रूप से सौंपने के समारोह में शामिल हुए। इन इंजनों की सप्लाई राइट्स द्वारा की गई है और इन्हें डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी ने बनाया है। ये 18 इंजन माइक्रोप्रोसेसर नियंत्रण आधारित प्रणाली से लैस हैं। म्यांमार रेलवे के लिए डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी ने 1350 अश्वशक्ति को एसी/डीसी मेनलाइन डीजल इंजन बनाया गया है। इन इंजनों में ईंधन की खपत कम है और नवीनतम विशेषताएं हैं। अधिकतर इंजनों की सप्लाई भारतीय ऋण व्यवस्था के अंतर्गत की गई है। समझौते के कार्यक्रम के अनुसार सभी इंजनों की डिलिवरी सितंबर, 2018 तक करनी है। ये इंजन समय से छह महीने पहले डिलिवर किए गए हैं।
इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री - राजेन गोहेन ने दोनों देशों की रेल प्रणालियों के बीच पिछले 20 वर्षों से जारी नियमित सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने समय से पहले परियोजना पूरी करने और अधिक समकालीन विशेषताओं के साथ इंजन उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेल को बधाई दी। उन्होंने परियोजना को सुचारू रूप से पूरा करने में म्यांमार के अधिकारियों के साथ समन्वय और सहायता के लिए म्यांमार में भारतीय दूतावास को धन्यवाद दिया। श्री गोहेन ने कहा कि इस सहयोग से भारत के साथ मित्रतापूर्ण सीमा संबंध मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर म्यांमार के परिवहन और संचार मंत्री महामहिम उ थां सिन मोउंग ने दोनों देशों के मूल्यवान सौहार्दपूर्ण संबंधों की चर्चा की और कहा कि यह वर्तमान सहयोग से आगे जा सकता है। उन्होंने भारतीय रेल द्वारा प्रस्तुत प्रशिक्षण कार्यक्रम और सिग्नल तथा दूरसंचार प्रणालियों में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
राइट्स रेल मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का प्रतिष्ठान है। यह भारतीय रेल की ओर से निर्यात कार्य करती है और यह पूरे विश्व में विभिन्न परियोजनाएं चला रही है। राइट्स रेल रॉलिंग स्टॉक (इंजन, कोच, वैगन और स्थायी मार्ग रखरखाव वाहन), रेलवे अवसंरचना रखरखाव, तकनीकी अध्ययन और म्यांमार के रेल अधिकारियों के प्रशिक्षण के कार्य में शामिल है। राइट्स शीघ्र ही कार्यशालाओं के उन्नयन और रखरखाव के लिए अध्ययन शुरू करेगी। डीजल आधुनिकीकरण वर्क्स, पटियाला के विशेषज्ञों का दल जल्द ही म्यांमार जाएगा।
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