वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा दो हफ्ते में
बातचीत अंतिम चरण में.
जिस तरह से सौदे का ढांचा तैयार हुआ है, उसके हिसाब से फ्लिपकार्ट 20 फीसदी नए शेयर वॉलमार्ट को जारी करेगी, जिसके जरिए 19-20 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 4-5 अरब रुपये का निवेश होगा, जो पिछले साल टेन्सेंट की अगुआई में 1.4 अरब डॉलर जुटाए जाने के समय कंपनी के मूल्यांकन के मुकाबले करीब दोगुना उछाल बताता है।
देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की बड़ी हिस्सेदारी के अधिग्रहण की बातचीत कर रही अमेरिकी खुदरा दिग्गज वॉलमार्ट इंक अब इसे अंतिम रूप देने के करीब है और यह सौदा अगले 10-15 दिनों में हो सकता है। हालांकि जिस तरह से बातचीत में प्रगति हुई, उसे देखते हुए वॉलमार्ट शायद कंपनी की बहुलांश शेयरधारक नहीं होगी, जैसा कि इसने शुरू में प्रस्ताव किया था।
सूत्रों ने कहा कि वॉलमार्ट की तरफ से फ्लिपकार्ट की नियंत्रक हिस्सेदारी लेने के मामले में सॉफ्टबैंक की शुरुआती अनिच्छा का समाधान मोटे तौर पर हो गया है और जापानी निवेशक अब अमेरिकी फर्म को बेंगलूरु की कंपनी की सबसे बड़ी शेयरधारक बनने देने की इच्छुक है। फ्लिपकार्ट में निवेश करने वाली एक फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बातचीत तेजी से सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है और संभव है कि सौदा अगले 10-15 दिन में पूरा हो जाए। सभी निवेशक इस पर सहमत हैं कि वॉलमार्ट अहम हिस्सेदार बने।
वॉलमार्ट की तरफ से फ्लिपकार्ट में होने वाले प्राथमिक निवेश के बराबर वैल्यू का इस्तेमाल फ्लिपकार्ट के कुछ पुराने निवेशकों मसलन एक्सेल पार्टनर्स, टाइगर ग्लोबल, नैस्पर्स व आईडीजी वेंचर्स की निकासी में किया जाएगा। हालिया चर्चा के मुताबिक, निवेश के बाद वॉलमार्ट की कुल शेयरधारिता 40 फीसदी हो सकती है।
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, यहां प्राथमिक व इसके बराबर द्वितीयक हिस्सा होगा। वास्तविक शेयरधारिता के पैटर्न पर अभी काम हो रहा है। वॉलमार्ट निश्चित तौर पर फ्लिपकार्ट का पूरा नियंत्रण चाहती है या कम से कम बहुलांश नियंत्रण, लेकिन सॉफ्टबैंक इसके हक में नहीं है। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, सौदे के लिए सॉफ्टबैंक की मंजूरी काफी अहम थी क्योंकि बोर्ड में शामिल ज्यादातर निवेशक कंपनियों के पास स्वीकारात्मक अधिकार है, जो उनमें से एक को भी किसी फैसले पर वीटो को अनुमति देता है जो बोर्ड के बाकी सदस्यों को शायद पसंद हो।
फ्लिपकार्ट व सॉफ्टबैंक के प्रवक्ताओं ने इस खबर पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। हालांकि फ्लिपकार्ट के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि निवेश के इस दौर में कंपनी का मूल्यांकन काफी ज्यादा होगा। फ्लिपकार्ट के अन्य निवेशकों से भी कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई।
(साभार: बिजनेस स्टैन्डर्ड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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