सावधान!!! जल संकट !!!: उत्तर भारत के ज़्यादातर राज्यों में ग्राउंडवॉटर की स्थिति चिंताजनक: रिपोर्ट:
लोकसभा में दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में ग्राउंड वॉटर यानि ज़मीन के नीचे जमा होने वाला पानी ख़तरनाक स्तर तक नीचे पहुँच चुका है
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय संरक्षक- महान समाजवादी चिंतक व विचारक- रघु ठाकुर ने भी सरकार से अभी कुछ दिन पहले ही जल की समस्या को लेकर उचित कदम उठाने की मांग कर चुके हैं.
लोकसभा में दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में ग्राउंड वॉटर यानि ज़मीन के नीचे जमा होने वाला पानी ख़तरनाक स्तर तक नीचे पहुँच चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर भारत के ज़्यादातर राज्यों में ग्राउंडवॉटर की स्थिति चिंताजनक है. ये रिपोर्ट Central Ground Water Board ने राज्यों के साथ मिलकर तैयार की है जिसमें दावा किया गया है कि पंजाब में ग्राउंडवॉटर की स्थिति देश में सबसे ज़्यादा ख़राब है जहाँ 76 प्रतिशत जगहों पर ग्राउंडवॉटर का स्तर बेहद चिंताजनक है.
दूसरा नम्बर राजस्थान का है, जहाँ 66 प्रतिशत जगहों पर ग्राउंडवॉटर का बेहद चिंताजनक स्तर तक नीचे चला गया है.तीसरे नम्बर पर देश की राजधानी दिल्ली है. दिल्ली की 56 प्रतिशत ज़मीन ऐसी हैं, जहाँ ग्राउंडवॉटर बेहद निचले स्तर तक चला गया है और हालात चिंताजनक बने हुए हैं तो चौथा नम्बर हरियाणा का है, जहाँ 54 प्रतिशत जगहों पर ग्राउंडवॉटर का स्तर बेहद चिंताजनक पाया गया.
दिल्ली में ग्राउंडवॉटर का स्तर गिरने की वजहों का ज़िक्र भी रिपोर्ट में है जिनमें सबसे बड़ी वजह ये है कि लगातार हो रहे निर्माण की वजह से बारिश का पानी ज़मीन के नीचे नहीं पहुँच पाता. और दूसरी तरफ़ बहुमंज़िला इमारतों और व्यापारिक संस्थाओं में ग्राउंडवॉटर का धड़ल्ले से बेजा इस्तेमाल हो रहा है. नतीजा ये है कि दिल्ली में हर साल जितना ग्राउंडवॉटर बारिश के बाद जमा होता है, उससे ज़्यादा निकाल लिया जाता है.
यही वजह है कि दिल्ली की कुछ जगहों पर तो ग्राउंडवॉटर का स्तर हर साल तक़रीबन 3 मीटर तक नीचे जा रहा है जबकि साल 2016 में हुए दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वे के मुताबिक दिल्ली में क़रीब 19 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जो पानी की ज़रूरतों के लिए ग्राउंडवॉटर पर ही निर्भर हैं.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि Central Ground Water Board ने देशभर में कुल 6,584 जगहों पर ग्राउंडवॉटर के स्तर की जाँच की, जिनमें 1,034 जगहों पर ग्राउंडवॉटर बेहद चिंताजनक स्तर पर मिला. यानि जिन जगहों की जाँच की गई, उनमें देश में 15 प्रतिशत जगह ऐसी मिली, जहाँ ग्राउंडवॉटर चिंताजनक स्तर तक नीचे जा चुका है.
(साभार: न्यूज़-18 & SBN द्वारा एडिटेड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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