
चौथे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ी संसद की कार्यवाही
नयी दिल्ली, 08 मार्च 2018: संसद की कार्यवाही बैकों घोटालों और कुछ अन्य मुद्दों काे लेकर आज लगातार चौथे दिन विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ़ गयी हालांकि राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीरण पर सदस्यों ने करीब एक घंटे अपने विचार व्यक्त किये ।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में घोटालों, आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन तथा मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों लोकसभा आैर राज्यसभा की कार्यवाही पिछले तीन दिन भी नहीं चल पायी थी । हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही एक -एक बार के स्थगन के बाद आज भी दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। पांच मार्च को बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के बाद से ही दोनों सदनों में अब तक कोई कामकाज नहीं हाे सका है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपना संदेश पढ़ा। इसी बीच तेलगु देशम पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति तथा कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचों बीच आकर अपनी मांगों के समर्थन में हंगामा करने लगे। नारेबाजी आैर शोरशराबे के बीच संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने इन सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया और कहा कि सरकार इसके बाद नियम 193 के तहत बैंक घोटाले पर चर्चा कराने को तैयार है लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी। भारी हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
कार्यवाही दोबारा जैसे ही शुरू हुई, विभिन्न दलों के सदस्य हाथों में बैनर और तख्तियां लिये नारेबाजी करते हुए फिर आसन के समीप पहुंच गये। श्रीमती महाजन ने हंगामे और नारेबाजी के बीच जरूरी दस्तावेज सदन पटल पर रखवाये। सदस्यों का सदन न चलने देने का रुख भांपकर उन्होंने इसके बाद कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में सुबह कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने महिला दिवस पर अपना संदेश पढ़ा आैर उसके बाद सभी महिला सदस्यों को तथा विभिन्न दलों के नेताओं को इस अवसर पर अपनी बात रखने का मौका दिया। करीब एक घंटे बाद उन्होंने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा अन्नाद्रमुक और कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी जगहों से उठकर हाथों में पोस्टर लिए हुए अासन की ओर बढने लगे। इस पर श्री नायडू ने केवल इतना कहा कि पोस्टर न लहरायें। विपक्षी सदस्य आसन के निकट पहुंच पाते इससे पहले ही उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
कार्यवाही फिर शुरू होने पर सदन में फिर वही नजारा दिखायी दिया । शोरशराबे के बीच ही उपसभापति पी जे कुरियन ने वर्ष 2017-18 की अनुपूरक अनुदान मांगे पेश करने को कहा। इसके बाद शोर शराबा बढने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
नीलिमा उनियाल
(साभार: वार्ता)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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