शिक्षा मित्रों को मंजूर नहीं सरकार का फैसला, लखनऊ में डटे
शिक्षा मित्रों को मंजूर नहीं सरकार का फैसला, लखनऊ में डटेलखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में डटे शिक्षा मित्र आज भी प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मुख्यमंत्री को छोड़कर किसी भी सरकारी अधिकारी से कोई वार्ता करने को तैयार नहीं हैं।लखनऊ (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट के समायोजन रद के फैसले के विरोध में प्रदेश भर के शिक्षा मित्र प्रदेश सरकार से आर-पार के मूड में हैं। सरकार का उनका मानदेय प्रति महीने दस हजार रुपए करने का निर्णय उनको मंजूर नहीं है। कल से लखनऊ आए शिक्षा मित्र आज भी लखनऊ में एकत्र हैं। लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में डटे शिक्षा मित्र आज भी प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मुख्यमंत्री को छोड़कर किसी भी सरकारी अधिकारी से कोई वार्ता करने को तैयार नहीं हैं। कल लखनऊ में लाख से ऊपर की संख्या में पहुंचे इन शिक्षा मित्रों में से आज हजारों की संख्या में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह कर रहे हैं। शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट से अपनी नियुक्ति रद हो जाने से नाराज हैं। इनकी मांग है कि राज्य सरकार अध्यादेश लाकर इन्हें फिर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करे और तब तक समान कार्य करने के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर वेतन दे। सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद होने के फैसले के बाद शिक्षामित्रों और सरकार के बीच वार्ता विफल हो गयी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को कुछ दिन तक आंदोलन बंद करने को कहा था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मसले का कोई हल निकलने की बात भी की थी। इसके बाद शिक्षामित्रों ने कुछ दिनों के लिए अपना आंदोलन ठप कर दिया था। समय पूरा होने के बाद शिक्षामित्रों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। सरकार ने भी किसी भी परिस्थति से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। कल से सूबे के कई जिलों से राजधानी में शिक्षामित्र पहुंचे हैं और उनका प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये गए हैं।शिक्षा मित्रों के आंदोलन को देखते हुए लखनऊ में जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है। शिक्षामित्रों ने 21 अगस्त से लखनऊ में समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन छेडऩे का ऐलान किया था।शिक्षामित्र समायोजन रद होने से भड़के हुए हैं। आंदोलन को धार देने के लिए शिक्षामित्रों को दो बड़े गुट आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन व उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने साझा संघर्ष मोर्चा बनाया है। शिक्षामित्रों की मांग है कि सरकार संशोधित अध्यादेश लाकर उन्हें फिर से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करे। तब तक 'समान कार्य के लिए समान वेतन' के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर तनख्वाह दी जाए। लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान पर अमल करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। एक अगस्त से सभी 1.70 लाख शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।शिक्षामित्रों के आंदोलन के बीच विभागीय अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने आदेश जारी कर दिया। निर्णय के मुताबिक एक अगस्त से समायोजित व गैर समायोजित सभी शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ऐसे शिक्षामित्र जो शिक्षक पद पर समायोजित थे, शासन से उन्हें एक अगस्त 2017 से शिक्षामित्र के पद पर प्रत्यावर्तित माना जाएगा। इसके साथ ही उन्हें यह विकल्प दिया जाएगा कि वे अपने वर्तमान स्कूल या मूल तैनाती के स्कूलों में पढ़ाएं। अभी तक गैर समायोजित शिक्षामित्रों को 3500 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। उनका मानदेय बढ़ कर 10 हजार रुपये हो चुका है लेकिन अभी तक शासनादेश जारी न होने की वजह से वे 3500 रुपये पर ही काम कर रहे थे।By Dharmendra Pandey Let's block ads! (Why?)