कांग्रेस और राकांपा मिलकर लड़ेंगी आगामी चुनाव...
> कांग्रेस और एनसीपी ने मौजूदा सरकार को पटखनी देने के लिए हाथ मिला लिया है।
> राजनीतिक हासिये की ओर जा रही मनसे प्रमुख राज ठाकरे करीब एक दशक के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के भले ही अभी एक साल बाकी हो लेकिन राज्य की राजनीति तेजी से बदलनी शुरू हो गई है। दशकों से सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के रिश्तों की दरार चौड़ी होती जा रही है तो कांग्रेस और एनसीपी ने मौजूदा सरकार को पटखनी देने के लिए हाथ मिला लिया है। राजनीतिक हासिये की ओर जा रही मनसे प्रमुख राज ठाकरे करीब एक दशक के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के से साथ खड़े नजर आ रहे हैं। विपक्षी एकता का दम 26 फरवरी से शुरू हो रहे राज्य के बजट अधिवेशन में देखने को मिलेगा। सोमवार से शुरू हो रहे बजट अधिवेशन के पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी राजनीतिक तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। इस अधिवेशन में विपक्ष सरकार को किसान, आत्महत्या, कर्ज और पीएनबी घोटाले को लेकर हमलावार रहने वाली है जबकि दूसरी तरफ सरकार मैग्नेटिक महाराष्ट्र निवेश सम्मेलन की सफलता को विकास का सूचक बताकर विपक्ष को विकास विरोधी साबित करने वाली है। बतौर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस निवेशक सम्मेलन में कुल 4106 करार पर हस्ताक्षर किये गए जिसकी कुल कीमत करीब 12.10 लाख करोड़ रुपये है। इन समझौतों से राज्य मेंं 36.77 लाख रोजगार पैदा होंगे। मैग्नेटिक महाराष्ट्र दो साल पहले हुए मेक इन इंडिया निवेशक सम्मेलन से बेहतर साबित हुआ है। फरवरी 2016 में मेक इन इंडिया सप्ताह में कुल 8 लाख चार हजार 897 करोड़ रुपये के 2,984 करार किये गए थे। जिसमें 2131 कंपनियों ने 5,09,910 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। बतौर मुख्यमंत्री दो साल पहले हुए निवेश करार में से 61 फीसदी निवेश आ चुका है या फिर अंतिम चरण में है। निवेशकों की महाराष्ट्र में दिलचस्पी दिखाती है कि राज्य विकास के पथ पर सरपट दौड़ रहा है।
दूसरी तरफ विपक्ष निवेश और करार के इन आंकड़ों को झूठा करार देते हुए कह रही है कि सरकार घोटालों, किसानों की समस्याओं और आम लोगों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं से ध्यान भटकाने के लिए फर्जी आंकड़े पेश कर रही है। सदन में सरकार के झूठ का पर्दाफास किया जाएगा। विपक्षी एकता को मजबूत हुई है इसको दिखाने के लिए ही बजट अधिवेशन शुरू होने के पहले ही कांग्रेस और राकांपा ने महाराष्ट्र में आगामी चुनाव मिलकर लडऩे का फैसला किया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के आवास पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण और राज्य में राकांपा प्रमुख सुशील तटकरे के बीच हुई बैठक के बाद यह घोषणा की गई। चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि सत्तारुढ़ भाजपा-शिवसेना सरकार को हराने के लिए हमने आने वाले सभी चुनाव मिलकर लडऩे का फैसला किया है। सीटों की साझेदारी को लेकर बातचीत के लिए हम एक बार फिर मुलाकात करेंगे।
सरकार अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना को साथ लाने की कोशिश में है हालांकि शिवसेना के तेवर सरकार विरोधी लग रहे हैं। शिवसेना पहले ही अपने दम पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुकी है जबकि भाजपा कहती है कि फिलहाल हम साथ साथ है और आगे भी साथ रहने वाले हैं। मैग्नेटिक महाराष्ट्र निवेशक सम्मेलन में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे नहीं गए । नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के भूमिभूजन में भेदभाव का आरोप लगाते हुए शिवसैनिकों ने भूमिपूजन के लिए आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काले झंडे दिखाएं थे। शिवेसना नेताओं का कहना है कि भाजपा सहयोगी धर्म भूल गई है वह सहयोगी दलों को खत्म करने की चाल चलती है ऐसे में इस दल से दूर रहना ही बेहतर है। महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र की शुरूआत 26 फरवरी, सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। जो 28 मार्च तक चलेगा। बजट सत्र कुल 35 दिन चलेगा जिसमें 22 दिन काम होगा।
(साभार: बिजिनेस स्टैण्डर्ड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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